यूपी के संभल में मस्जिद सर्वे को लेकर बवाल, झड़प, पथराव हुआ

10:46 am Nov 24, 2024 | सत्य ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के संभल में अब एक मस्जिद के सर्वे को लेकर बवाल हो गया है। सर्वे को लेकर रविवार को झड़प हुई और लोगों ने विरोध में पथराव किया। हिंसक झड़प तब हुई जब एक सर्वे टीम मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुँची। एक शिकायत पर अदालत के आदेश के बाद टीम सर्वे करने पहुँची थी। शिकायत में दावा किया गया है कि संरचना मूल रूप से एक मंदिर थी।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर की गई शिकायत में दावा किया गया है कि मस्जिद के स्थान पर कभी हरिहर मंदिर नामक मंदिर हुआ करता था और मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था। विष्णु जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ विवाद समेत पूजा स्थलों से जुड़े कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है।

बहरहाल, संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण एक अदालती शिकायत के बाद निर्धारित किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद मूल रूप से एक मंदिर थी।

रविवार को जब सर्वेक्षण दल पहुंचा तो इस कदम का विरोध करने के लिए सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी शाही जामा मस्जिद के पास जुटे। इसी बीच धक्का मुक्की शुरू हो गयी। झड़प के बाद पथराव की घटना हुई। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि पुलिसकर्मी हेलमेट पहने नजर आ रहे हैं और दूसरी तरफ से पत्थरबाजी हो रही है। फिलहाल संभल में हालात तनावपूर्ण हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए।

उत्तर प्रदेश के शीर्ष पुलिस अधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा, 'अदालत के आदेश पर संभल में सर्वेक्षण किया जा रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है। पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। स्थिति नियंत्रण में है, पुलिस पथराव करने वालों की पहचान करेगी और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।'

पिछले कुछ दिनों से मस्जिद इलाके में तनाव बढ़ा हुआ है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इसी तरह का सर्वेक्षण 19 नवंबर को किया गया था, जिसमें स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्य मौजूद थे।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर का दावा पेश होने के बाद पुलिस प्रशासन ने शहर में चौकसी और बढ़ा दी है। मस्जिद के आसपास और उस ओर जाने वाले रास्तों पर नाकेबंदी कर दी गई। कुछ दिन पहले ही एसडीएम और सीओ ने सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। मंगलवार को जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किया गया था। इसके बाद न्यायालय ने सर्वे का आदेश दिया और उसी दिन वीडियोग्राफी कराई गई और पुलिस के साथ ही पीएसी और आरआरएफ के जवानों को तैनात कर दिया गया था।