अंतरधार्मिक शादियों के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस किस कदर हाथ धोकर पीछे पड़ी है, वह एटा ज़िले के एक मामले में भी दिखता है। एक लड़की ने घर छोड़ा, धर्मांतरण किया और एक मुसलिम युवक से दिल्ली में शादी कर ली। अब उस युवक के 11 सदस्यों का पूरा परिवार मुक़दमे का सामना कर रहा है। उसमें से छह जेल में हैं और पाँच 'लापता' लोगों पर 25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। दिल्ली में युवती ने क़ानूनी रूप से अपने धर्मांतरण और शादी के लिए जिस वकील से सहयोग लिया था उनके परिवार के क़रीब 10 सदस्यों को कथित तौर पर पुलिस उठा ले गई है। उस वकील का आरोप है कि उनके परिवार के लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और यह भी पता नहीं है कि उन्हें किस जगह पर रखा गया है।
जब से योगी सरकार 'लव जिहाद' के हो हल्ले के बीच 28 नवंबर को ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण अध्यादेश ले आई है तब से ऐसे मामलों में पुलिस की सख़्ती काफ़ी बढ़ गई है। यह सख़्ती किस हद तक बढ़ी है इसका अंदाजा मुरादाबाद के उस मामले से भी लगाया जा सकता है जिसमें धर्मांतरण कर शादी करने वाली लड़की के गर्भपात का आरोप लगाया गया था।
एटा ज़िले का जो ताज़ा मामला आया है उसमें भी पुलिस अति सक्रिय दीख रही है। क़रीब एक महीने पहले 21 वर्षीय युवती घर से चली गई थी। कथित तौर पर उसने धर्मांतरण कर लिया और एटा ज़िले के ही जलेसर में जावेद अंसारी से शादी कर ली। रिपोर्टों के अनुसार दिल्ली के एक वकील ने लड़की के धर्मांतरण और शादी के पेपर तैयार करने में मदद की।
रिपोर्ट के अनुसार लड़की के पिता की रिपोर्ट के आधार पर 17 दिसंबर यानी पिछले गुरुवार को एफ़आईआर दर्ज की गई। उन्होंने यह मुक़दमा तब दर्ज कराया जब दिल्ली से कथित तौर पर जावेद के वकील से युवती के धर्मांतरण और शादी की जानकारी देने वाले कागजात मिले। 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, जलेसर पुलिस ने ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानून के तहत पूरे परिवार पर मुक़दमा दर्ज किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने दावा किया कि जिन छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है वे जावेद के दूर के रिश्तेदार हैं और वे आरोपी के संपर्क में थे। पुलिस का कहना है कि जावेद और उनके परिवार के चार अन्य सदस्य अभी गिरफ़्तार नहीं किए जा सके हैं और वे 17 नवंबर से लापता हैं।
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने पाँचों में से प्रत्येक पर 25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया है।
इधर, जावेद की मदद करने वाले दिल्ली के वकील मुहम्मद हाशिम अंसारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। 'द वायर' की रिपोर्ट के अनुसार हाशिम अंसारी ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार के क़रीब 10 सदस्यों को गिरफ़्तार किया गया है। गिरफ़्तार किए गए लोगों में हाशिम के पिता, बड़े भाई, बेटे, चचेरे भाई, चचेरे भाई के दोस्त, हाशिम के ब्रदर इनलॉ, फादर इनलॉ, फादर इनलॉ के भाई आदि को गिरफ़्तार किया गया है। हाशिम का आरोप है कि पिछले दो दिनों से इन सभी को गिरफ़्तार कर अज्ञात जगह पर ले जाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, हाशिम कहते हैं, 'वे सोचते हैं कि मैं महिला को छुपा रहा हूँ और मुझे कह रहे हैं कि मैं उसे उनके सामने पेश करूँ जैसे कि मुझे पता है कि वह कहाँ है।'
उन्होंने कहा कि गिरफ़्तार किए गए लोगों में से सिर्फ़ एक से वह बात कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि उनसे पूछा गया था कि क्या वह हाशिम अंसारी को जानता है, और जब उन्होंने कहा कि वह जानते हैं तो पुलिस उन्हें ले गई।
'द वायर' की रिपोर्ट के अनुसार, हाशिम कहते हैं कि 18 नवंबर को आयुषी पचौरी दिल्ली में उनके चैंबर में आई थीं और क़ानूनी रूप से इसलाम में धर्मांतरण के बारे में पूछा। अंसारी ने हलफनामा तैयार किया जिस पर लड़की ने यह स्वीकार करते हुए दस्तख़त किए कि वह पूरे होश में और स्वेच्छा से इसलाम में धर्मांतरित हो गई है और कोई दबाव नहीं है, उसने एक नया नाम आयशा अपना लिया है।
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जलेसर पुलिस स्टेशन के एसएचओ कृष्ण पाल सिंह ने पुष्टि की कि महिला ने एक आवेदन पत्र में घोषणा की थी कि उसने स्वेच्छा से जावेद से शादी की है। उन्होंने कहा कि 'लेकिन मुद्दा दर्ज है, और हमें इसकी जाँच करनी होगी। अब इसे अदालत में ही सुलझाया जाएगा। लड़की को अदालत में आकर अपना बयान देना चाहिए। अब वह गायब है, और यह पता लगाना हमारा कर्तव्य है कि वह कहाँ है।' उनका कहना है कि हाशिम के चैंबर में महिला से मिलने के लिए यूपी पुलिस गई थी, लेकिन वह कभी नहीं दिखी। उन्होंने यह भी पूछा कि वकील के रूप में हाशिम मामले में इतना 'व्यक्तिगत रुचि' क्यों ले रहे हैं। हाशिम द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को अज्ञात स्थानों पर ले जाने के आरोपों पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
इससे पहले मुरादाबाद के एक ऐसे ही मामले में पुलिस ने कार्रवाई की थी। मुरादाबाद के कांठ नाम के गाँव के एक मुसलिम लड़के मोहम्मद राशिद से पिंकी नामक एक हिंदू लड़की ने जुलाई में शादी कर ली थी।
दोनों देहरादून में काम करते थे। दोनों में संबंध बना। पिंकी मुस्कान बन गई और दोनों ने शादी कर ली। लेकिन जब वे अपनी इस शादी का पंजीकरण कराने जा रहे थे तो दक्षिणपंथी विचारों वाले एक समूह ने उन्हें पकड़ लिया। पुलिस पहुँची और उसने राशिद और उसके बड़े भाई को गिरफ़्तार कर लिया और पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया। बाद में आरोप लगे कि पिंकी का गर्भपात हो गया, हालाँकि प्रशासन ने इस आरोप को खारिज कर दिया।
बता दें कि जब पिंकी को संरक्षण गृह में भेजा जा रहा था तब पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था, 'मैंने राशिद के साथ 24 जुलाई को शादी कर ली है। मैं तब से मुरादाबाद के कांठ में रह रही हूँ। मैं एक वयस्क हूँ और मैंने मेरी इच्छा के अनुसार राशिद से शादी की।'
बाद में कोर्ट में पिंकी के बयान के बाद उसे छोड़ दिया गया और राशिद व उनके भाई को भी जेल से रिहा किया गया।