सुशांत मामले में बीजेपी के वार के बाद शिवसेना ने कहा- चेतन चौहान की मौत की हो जांच

08:59 am Aug 26, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया था कि इसकी जांच मुंबई पुलिस के बजाय सीबीआई करे। जबकि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी। वहां से बीजेपी और शिवसेना के बीच जो सियासी अदावत शुरू हुई, वो अब उत्तर प्रदेश आ पहुंची है। 

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि सुशांत मामले की जांच सीबीआई को सौंपा जाना मुंबई पुलिस का अपमान होगा। लेकिन बीजेपी ने इसे अपनी नाक का सवाल बना लिया था। सुशांत के मूल रूप से बिहार से होने के चलते बिहार बीजेपी के कई सांसदों, विधायकों, प्रदेश अध्यक्ष, मत्रियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखकर इस मामले की सीबीआई जांच के लिए पूरा जोर लगा दिया था। इसके अलावा महाराष्ट्र बीजेपी और कई अन्य राज्यों के बीजेपी नेता भी शिवसेना और ठाकरे सरकार को इसके लिए घेर रहे थे कि वह इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दे। 

लेकिन, जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले की जांच सीबीआई करेगी तो निश्चित रूप से ठाकरे सरकार को यह अपना अपमान लगा। क्योंकि ठाकरे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी सीबीआई जांच का विरोध किया था। इसके बाद शिवसेना एक ऐसे मौक़े की तलाश में थी, जहां वह बीजेपी से अपने इस अपमान का बदला ले सके क्योंकि केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच की जोरदार पैरवी की थी। 

कोर्ट के फ़ैसले के बाद शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि विरोधी दलों द्वारा महाराष्ट्र की बदनामी करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था कि सुशांत के मामले में पहले दिन से राजनीति हो रही है। 

राउत ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा था कि बिहार चुनाव ख़त्म होने के बाद सुशांत सिंह राजपूत पटना में कहां रहता था, उसकी फ़ैमिली क्या करती है, आज राजनीति करने वाले उसे भूल जाएंगे। राउत ने कहा था कि सुशांत के मामले में बिहार और दिल्ली महाराष्ट्र सरकार के ख़िलाफ़ षड्यंत्र रच रहे हैं। राउत का सीधा इशारा बीजेपी द्वारा इसमें बिहार चुनाव के चलते राजनीति करने की ओर था। 

शिवसेना को बीजेपी से बदला लेने का मौक़ा मिला उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान की मौत को लेकर एसपी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन के एक वायरल वीडियो के बाद।

सुनील सिंह का वीडियो वायरल

सुनील सिंह ने हाल ही में विधान परिषद में कहा, ‘मैं लखनऊ पीजीआई में 13 नंबर के बेड पर था और चेतन चौहान 14 नंबर के बेड पर। अस्पताल के स्टाफ़ के एक सदस्य ने कैबिनेट मंत्री चौहान से पूछा- चेतन क्या करते हो तुम। इस पर चौहान ने कहा कि वह कैबिनेट मंत्री हैं। इस पर स्टाफ़ के एक सदस्य ने कहा कि कहां के मंत्री हो तो चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का।’

सुनील सिंह ने कहा कि चौहान द्वारा यह बताने के बाद भी कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं, पीजीआई के स्टाफ़ ने बिना कोई आदर दिए कहा कि चेतन तुम्हारे घर में और कौन-कौन लोग संक्रमित हैं। सुनील सिंह ने कहा कि चौहान दो दिन तक उनके बगल वाले बैड पर रहे। उन्होंने कहा कि चौहान बेहद घुटन में थे और वे कोरोना के कारण हमें छोड़कर नहीं गए बल्कि सरकार की अव्यवस्था के कारण गए। चौहान की 16 अगस्त को कोरोना से मौत हो गई थी। चौहान ने गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई से मेदांता शिफ़्ट किया गया था। 

सुनील सिंह का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य भर में योगी सरकार की ज़बरदस्त किरकिरी हुई और इसी का नतीजा है कि सरकार ने तुरंत चेतन चौहान की पत्नी का लखनऊ के एक दैनिक अख़बार में स्पष्टीकरण यह कहते हुए प्रकाशित करवाया कि "ऐसी उपेक्षा हुई होती तो मेरे पति मुझे अवश्य बताते।"

सीबीआई जांच की मांग 

शिवसेना की उत्तर प्रदेश इकाई ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग यह कहते हुए उठाई है कि आखिर किन हालात के कारण चेतन चौहान को लखनऊ से गुड़गांव शिफ़्ट किया गया। इसे लेकर शिवसेना ने राज्य की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाक़ात की और उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में शिवसेना ने सवाल उठाया है कि क्या सरकार को संजय गांधी पीजीआई पर भरोसा नहीं था। 

शिवसेना ने कहा है कि चेतन चौहान पीजीआई के डॉक्टर्स और स्टाफ़ के व्यवहार के कारण बहुत दुखी हुए। पार्टी ने कहा कि दोषी डॉक्टर्स के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई, सरकार सोती रही और दो मंत्रियों की मौत हो गई। इस पहले एक और मंत्री कमला रानी वरुण की मौत कोरोना से हो गई थी। 

योगी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर की मांग

शिवसेना के साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी चेतन चौहान के साथ लखनऊ पीजीआई में हुए व्यवहार को मुद्दा बना लिया है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लखनऊ पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर चौहान की मौत को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और पीजीआई के निदेशक डॉ. आर.के. धीमान के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज करने की मांग रखी है। संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि चेतन चौहान के इलाज में लापरवाही की गई और इसी वजह से उनकी मौत हुई। 

अब ऐसा लगता है कि सुशांत मामले से तिलमिलाई शिवसेना अब उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने के चलते वहां के ऐसे अहम मामलों को उठाती रहेगी और इससे इन दोनों दलों की लड़ाई और बढ़ेगी।