यूपी में योगी सरकार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करेगी। अवैध मदरसों पर कार्रवाई होगी। सर्वे के दौरान सरकार शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम और वहां उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
इस मुद्दे पर राजनीतिक गर्मी बढ़ने की आशंका है। ओवैसी ने गुरुवार को हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा है कि ये सर्वे क्यों करा रहे है , सीधे सीधे बोल दें कि नमाज़ मत पढ़िए, मुस्लिम मत रहिये , ये सर्वे नहीं छोटा एनआरसी है। ओवैसी ने कहा, सर्वे के बाद ये आर्डर जारी कर बोलेंगे नमाज मत पढ़ो। इन्हीं मदरसों ने देश को आजाद कराया है।
इस बीच यूपी के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा है कि राज्य सरकार बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की आवश्यकता के अनुसार सर्वे करेगी। मदरसों में छात्रों को सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं। इसकी पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी।
मंत्री ने कहा, सर्वे जल्द ही शुरू होगा। अंसारी ने कहा, सर्वेक्षण के दौरान मदरसे का नाम और इसे संचालित करने वाली संस्था का नाम, चाहे वह निजी या किराए की बिल्डिंग में चल रहा हो, वहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या और पेयजल, शौचालय, फर्नीचर और बिजली आपूर्ति की सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी।
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मदरसे में शिक्षकों की संख्या, इसके पाठ्यक्रम, आमदनी का स्रोत और किसी गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से इसके जुड़ाव के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।
-दानिश अंसारी, अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार इस सर्वेक्षण के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी, मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकार का उद्देश्य केवल गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में जानकारी एकत्र करना है।
कितना सरकारी अनुदान
इस समय उत्तर प्रदेश में कुल 16,461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया गया है।
बुधवार 31 अगस्त को जारी आदेश के अनुसार मदरसों में विवादित प्रबंधन समिति या समिति के किसी सदस्य के अनुपस्थित रहने की स्थिति में मदरसा प्राचार्य एवं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे।
पहले यदि प्रबंध समिति में कोई समस्या आती थी तो मृतक के आश्रित को नौकरी पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था। अंसारी ने कहा कि सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के आवेदन के आधार पर अब संबंधित मदरसों के प्रबंधकों की सहमति और राज्य मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार की मंजूरी से उनका तबादला किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मदरसों में कार्यरत महिला कर्मचारियों को भी मैटरनिटी लीव और चाइल्ड केयर लीव नियमानुसार मिलेगी।
5000 मदरसे बंदः योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक विस्तृत जांच के बाद उत्तर प्रदेश में 5,000 मदरसों को बंद कर दिया है। जिसमें पता चला कि संबंधित मदरसे कई शर्तों का उल्लंघन कर रहे थे। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग का कहना है कि कई मदरसे उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के पोर्टल पर डेटा अपलोड नहीं कर रहे हैं। मदरसों द्वारा डेटा अपलोड करना अनिवार्य है। एक सरकारी सूत्रों ने दावा किया कि अवैध मदरसों को बंद कर सरकार 100 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करेगी। यूपी के आजमगढ़ और मिर्जापुर में फर्जी मदरसा मामलों की जांच कर रही एसआईटी ने 21 के खिलाफ फर्जी संस्थान चलाने और सरकार से करोड़ों में अनुदान प्राप्त करने के लिए एफआईआर दर्ज की थी।
अमरोहा में मदरसा गिराया
अधिकारियों ने अमरोहा जिले में पिछले दिनों एक मदरसे की इमारत को यह कहते हुए तोड़ दिया कि यह सरकारी जमीन पर "अवैध रूप से" बनाई गई थी। मुरादाबाद के कमिश्नर और रेहरा थाने के अधिकारियों ने बताया कि जेबरा गांव में 'ग्राम समाज' की भूमि पर एक अवैध ढांचा बनाया गया था। दूसरे समुदाय की शिकायत पर इसे ध्वस्त कर दिया गया था। हसनपुर के एसडीओ सुधीर कुमार ने कहा कि वहां पर लाउडस्पीकर लगा था और नमाज पढ़ी जाती थी। अधिकारी ने दावा किया कि जांच के दौरान यह पता चला कि मदरसा का निर्माण कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना किया गया था।मदरसे के केयरटेकर ने बताया कि उक्त जमीन उनके दादा को 1961 में आवंटित की गई थी और वहां शांति से सबकुछ चल रहा था। जब हमने मदरसे में नमाज अदा करना शुरू किया तो कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज कराई। लेकिन यह पूजा का हमारा मौलिक अधिकार है। हम विध्वंस के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे।