यूपी के फिरोजाबाद में 28 साल दलित युवक आकाश सिंह की हिरासत में मौत के खिलाफ जिले में दलितों ने आंदोलन छेड़ दिया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। दो बच्चों के पिता आकाश सिंह को पिछले मंगलवार को बाइक चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को उनकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई। आरोप है कि पुलिस हिरासत में पिटाई से आकाश सिंह की मौत हुई थी।
आकाश की मां शकुंतला ने मीडिया से कहा, “वे मेरे बेटे को सोमवार को ले गए लेकिन कह रहे हैं कि उसे मंगलवार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गयी। मेरे बेटे (आकाश) को फर्जी मामले में गिरफ्तार किया गया। उसके पास पहले से ही एक बाइक है।”
पुलिस ने बताई कहानी
पुलिस का कहना है कि आकाश को मंगलवार शाम 6.50 बजे गिरफ्तार किया गया और बुधवार सुबह 9.21 बजे मेडिकल जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वह गुरुवार रात बीमार पड़ गया और उसे दवा दी गई, लेकिन शुक्रवार को उसकी तबीयत बिगड़ गई और बाद में एक अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। मीडिया से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक (नगर) सर्वेश कुमार मिश्रा ने पोस्टमॉर्टम की पुष्टि की। जिसमें मरने की वजह से सिर पर चोट लगना बताया गया है। उन्होंने कहा कि जांच कराई जाएगी। पुलिस प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आकाश और शिवम सिंह (19) को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से एक चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की गई। पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 411 (बेईमानी से किसी चोरी की संपत्ति को प्राप्त करना या अपने पास रखना) और 414 (चोरी की संपत्ति को छिपाने में सहायता करना) के तहत मामला दर्ज किया था।
एसपी ने कहा कि “दो मेडिकल परीक्षण हुए - एक आरोपी को अदालत के सामने पेश करने से पहले और दूसरा उसे जेल में बंद करने से पहले न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद। इन दोनों रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कोई बाहरी ताज़ा चोट नहीं देखी गई। मृत्यु से पहले आकाश 40-48 घंटे तक न्यायिक हिरासत में था।” उन्होंने कहा कि कोर्ट में पेश किए जाने पर आरोपी अदालत को बता सकता है कि क्या उसे पुलिस हिरासत में किसी हिंसा का सामना करना पड़ा है। हमारी जानकारी के अनुसार, उसने ऐसी कोई बात नहीं बताई।”
परिवार का कहना है कि आकाश एक कारखाने में काम करता था। उस दिन वह अपने एक दोस्त के साथ घर लौट रहा था। पुलिस रास्ते से उसे ले गई। हमें बताया गया कि वह बीमार है, और हमने दवा का इंतजाम करने की कोशिश की। हमें तब एहसास नहीं हुआ कि उन्होंने (पुलिस) उसे पीटा है।
दलित समाज को जब इस घटना का पता चला तो वे आंदोलित हो गए। शनिवार को शहर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। जनता ने आकाश का शव ले जा रही एम्बुलेंस के सामने विरोध प्रदर्शन किया। परिवार ने लगभग 12 घंटे तक शव देने से इनकार कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंदोलन के दौरान पथराव करने, सड़कें अवरुद्ध करने और मोटरसाइकिल में आग लगाने का आरोप लगाया।
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एम्बुलेंस ड्राइवर ने एफआईआर कराई है, जिसमें 11 लोगों के नाम हैं। दूसरा मामला पुलिस ने कुद दर्ज किया है, जिसमें 32 लोगों और 20 से 25 अज्ञात प्रदर्शनकारियों को नामजद किया गया है। दोनों एफआईआर दंगा, हत्या का प्रयास, जानबूझकर शांति भंग करने और आपराधिक धमकी समेत अन्य धाराओं के तहत दर्ज की गई हैं। लेकिन अभी तक आकाश की पुलिस हिरासत में मौत की कोई एफआईआर नहीं दर्ज की गई है।