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उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी ने छह यात्राओं की घोषणा क्यों की?

उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी ने छह यात्राओं की घोषणा क्यों की?

उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी ने एक के बाद एक कई घोषणाओं के साथ ही अब सभी विधानसभा सीटों को कवर करने के लिए यात्राओं की रणनीति क्यों बनाई है?

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की स्थिति पिछले चुनाव की अपेक्षा बेहद ख़राब रहने की आ रही रिपोर्टों ने लगता है कि बीजेपी को हिला दिया है। ऐसा इसलिए कि पार्टी नेताओं की ओर से लगातार ऐसे ध्रुवीकरण वाले बयान आ रहे हैं जिससे लगता है कि पार्टी असहज स्थिति में है। बीजेपी ने अब एक और ऐसा फ़ैसला किया है जिसे वोटरों को जोड़ने के लिए बीजेपी की एक अहम रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। 

पार्टी वोट बैंक के खिसकने की आ रही रिपोर्टों के बीच अगले साल होने वाले चुनावों से पहले राज्य में एक के बाद एक कई यात्राएँ करने वाली है। इसकी घोषणा ख़ुद उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि बीजेपी राज्य में छह यात्राएँ करने वाली है। 

बीजेपी ने उन यात्राओं के नाम की घोषणा अभी नहीं की है। वह राज्य में अलग-अलग वर्गों को जोड़ने के लिए कई स्तर पर काम कर रही है और ये यात्राएँ भी उनमें से एक हैं। 

भले ही पार्टी ने आधिकारिक तौर पर यात्राओं का नाम नहीं बताया है, लेकिन पहले ऐसी एक यात्रा को लेकर सुगबुगाहट थी। उसमें इस तरह की ख़बर थी कि बीजेपी उत्तर प्रदेश के लिए 'विजय संकल्प यात्रा' की योजना बना रही थी। पर अभी तक यह साफ़ नहीं किया गया है कि स्वतंत्र देव सिंह जिन यात्राओं की बात कर रहे हैं वे क्या यही 'विजय संकल्प यात्रा' हैं।

इन यात्राओं की चर्चा तब है जब हाल के ओपिनियन पोल में बीजेपी की सीटें कम होने के आसार है, लेकिन उसके सत्ता में बरकरार रहने की संभावना जताई गई है। टाइम्स नाउ-पोलस्ट्रट ने अनुमान लगाया है कि हालाँकि बीजेपी बहुमत पा सकती है, लेकिन पिछली बार से उसकी सीटें काफ़ी कम रहेंगी। ऐसा ही अनुमान एक एबीपी-सी-वोटर सर्वे में भी लगाया गया है। हालाँकि उत्तर प्रदेश में इसके तीन सर्वे में दिख रहा है कि बीजेपी की लगातार सीटें कम होती जा रही हैं। 

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इन छह यात्राओं के माध्यम से राज्य की सभी 403 विधानसभा सीटों में से प्रत्येक को कवर किया जाएगा। यह यात्रा जल्द ही शुरू होने के आसार हैं। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि यात्रा 13 दिसंबर के बाद शुरू होने की संभावना है और ये यात्राएँ 12-13 दिनों की होंगी।

पार्टी के प्रमुख नेता पहले दिन यात्रा को हरी झंडी दिखा सकते हैं, और फिर बाद में उन यात्राओं का नेतृत्व स्थानीय सांसद और विधायक हर रोज़ करेंगे। दिसंबर के अंत से पहले एक बड़ी रैली के साथ यात्रा का लखनऊ में समापन होने की संभावना है।

कहा जा रहा है कि राज्य में प्रधानमंत्री मोदी के बड़े चुनावी अभियान के ठीक बाद यात्राएँ होंगी। अगले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी के दो बार उत्तर प्रदेश में जाने की संभावना है। एक बार गोरखपुर में और दूसरी बार अपनी लोकसभा सीट वाराणसी में। 

बता दें कि क़रीब एक पखवाड़े पहले यह ख़बर आई थी कि किसान आंदोलन के जवाब में बीजेपी भी अब पूरे उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टर रैली निकालने जा रही है। बीजेपी का किसान मोर्चा इन रैलियों का आयोजन करेगा और ये 16 से 30 नवंबर तक निकाली जाएंगी। पार्टी मऊ से इन रैलियों की शुरुआत करेगी। 

किसान आंदोलन का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो जबरदस्त असर है ही, इसके सहारे विपक्षी दलों ने बीजेपी और मोदी सरकार को किसान विरोधी कहकर घेरना शुरू कर दिया है। कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि बीजेपी और संघ परिवार को इस बात का अंदाजा है कि किसान आंदोलन उनके यूपी जीतने के सपने को तोड़ सकता है।

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