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यूपी में PFI के नाम पर 55 लोग घरों से उठाए गए, कुछ पर सवाल

यूपी में PFI के नाम पर 55 लोग घरों से उठाए गए, कुछ पर सवाल

यूपी के कई शहरों में आज पुलिस ने कथित तौर पर पीएफआई से जुड़े लोगों को पकड़ा है। इनमें रिहाई मंच से जुड़े 72 साल के एडवोकेट मोहम्मद शोएब भी है। जिनकी तबियत इन दिनों खराब है।

यूपी एटीएस ने लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर, गाजियाबाद समेत प्रदेश के अन्य शहरों में छापे मारकर अब तक करीब 55 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें रिहाई मंच से जुडे़ और एडवोकेट मोहम्मद शोएब भी शामिल हैं। 72 साल के शोएब इस समय बीमार हैं और उनका इलाज चल रहा है लेकिन यूपी एटीएस ने अमीनाबाद, लखनऊ स्थित से उठाकर ले गई। एडवोकेट मोहम्मद शोएब के परिवार ने कहा है कि उनका पीएफआई से कोई संबंध नहीं है।

यूपी एटीएस के सूत्रों ने बताया पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों से जुड़े 55 लोगों से पूछताछ कर रही है। एटीएस इनके बैंक खातों और आर्थिक लेन-देन की जानकारी भी जुटा रही है। अकेले लखनऊ से 6 लोगों को उठाया गया है।

यूपी ATS के मुताबिक रविवार को लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ में एटीएस ने एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाकर बड़ी कार्रवाई की है। लखनऊ के विकास नगर और बीकेटी के अचरामऊ गांव में छापा मारा। यहां कथित तौर पर PFI से जुड़े 2 लोगों को एटीएस ने हिरासत में लिया है। बहराइच जिले के जरवल से एटीएम ने नजमुज्जमा नाम के शख्स को उठाया है। नजमुज्जमा सपा से जुड़े नेता हैं और उनके परिवार के सदस्य नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं।  

 - Satya Hindi

एडवोकेट मोहम्मद शोएब

पीएफआई पर बैन लगने के बाद 25 अप्रैल को एनआईए ने कई राज्यों में छापे मारकर गिरफ्तारियां की थीं। पीएफआई को लेकर विवाद भी शुरू हो गया और इसे समुदाय विशेष के खिलाफ की जा रही कार्रवाई बताया जा रहा है। कर्नाटक चुनाव में भी पीएफआई के मुद्दे को भुनाने की कोशिश की गई। एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बयान दिया था कि जो भी द केरल स्टोरी फिल्म का विरोध कर रहा है, वो पीएफआई और आईएसआईएस से जुड़ा हुआ है। जबकि द केरल स्टोरी बनाने वालों को अदालत ने निर्देश दिया कि वो फिल्म में केरल की 32000 महिलाओं के आईएसआईएस में शामिल होने की बात को हटाए, क्योंकि ऐसे तीन मामले हुए हैं लेकिन फिल्म में उसे 32000 दिखाया गया था। 

यूपी में आज हुई गिरफ्तारियों में वकील मोहम्मद शोएब की गिरफ्तारी भी विवाद का विषय है। क्योंकि शोएब का संबंध किसी भी रूप में पीएफआई से नहीं है। मोहम्मद शोएब पर सीए-एनआरसी आंदोलन के दौरान भी कार्रवाई की गई थी।

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