अगर आप उन्नाव रेप पीड़िता के गाँव में जाएँगे तो वहाँ आपको दो बातें सुनने को मिलेंगी। पहली बात यह कि पीड़िता की गाड़ी के साथ हुई सड़क दुर्घटना साज़िश है और दूसरी बात सेंगर के ‘चेलों’ का यहाँ बहुत ख़ौफ़ है। सड़क दुर्घटना में अपनी चाची और मौसी को खो चुकी रेप पीड़िता और उसके वकील जिंदा रहने की जंग लड़ रहे हैं। उन दोनों की हालत बेहद गंभीर है।
अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की टीम सोमवार को जब रेप पीड़िता के गाँव में पहुँची तो वहाँ ग्रामीणों से ज़्यादा पुलिसवाले मौजूद थे। स्थानीय लोगों का साफ़ कहना है कि यह सड़क दुर्घटना एक साज़िश है लेकिन ऐसा कहते हुए वे सावधान भी रहते हैं और डरते भी हैं। उन्हें इस बात का डर है कि कहीं यह बात सेंगर के ‘गुर्गों’ या ‘चेलों’ तक न पहुँच जाये। ग्रामीणों ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि हाल ही में पीड़िता की माँ ने उन्हें धमकियाँ मिलने के बारे में बताया था। पीड़िता के परिजनों की ओर से विधायक और उसके गुर्गों पर ही इस घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है।
सोमवार को गाँव में जब पीड़िता की चाची और मौसी के शवों के आने का इंतजार हो रहा था। उस समय पीड़िता की माँ किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर के फर्श पर बैठी अपनी बेटी की हालत के बारे में पूछने के लिए डॉक्टरों के आने का इंतजार कर रही थी। पीड़िता की माँ ने सड़क दुर्घटना की सीबीआई जाँच और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की माँग की थी।
पीड़िता की माँ कहती है, ‘जब तक सब लोगों को सज़ा नहीं हो जाती तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे, चाहे इसके लिए मुझे जान ही क्यों न देनी पड़े।’पीड़िता की माँ ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, ‘सेंगर के कुछ गुर्गों और गाँव में ही रहने वाले उसके एक रिश्तेदार ने 15 दिन पहले हमें धमकी दी थी कि अगर वे मेरे देवर (पीड़िता के चाचा) को जेल भिजवा सकते हैं तो वे हमारे पूरे परिवार को भी सजा दिलवा सकते हैं। उन्होंने हमसे इस मामले में समझौता करने के लिए भी कहा लेकिन हमने ऐसा नहीं किया और वकील से कहकर शिकायत दर्ज कराई।’
गाँव में ही रहने वाली पीड़िता की चचेरी बहन ने बताया कि यह घटना सिर्फ़ साज़िश है। चचेरी बहन के मुताबिक़, ‘वे लोग वकील की कार से सुबह 10 बजे गाँव से निकले थे। हमें पता चला कि उन्हें जो सुरक्षाकर्मी मिले थे, वे उस दिन छुट्टी पर थे। ट्रक की नंबर प्लेट भी पुती हुई थी। कहना मुश्किल है कि दुर्घटना के दौरान क्या हुआ लेकिन पक्के तौर पर यह एक साज़िश लगती है।’ पीड़िता के एक पड़ोसी ने डरते हुए धीमी आवाज़ में बताया, ‘हम लोगों ने कई बातें सुनी हैं। कौन सही है, कौन ग़लत। हम इस मामले में नहीं पड़ना चाहते लेकिन हम जानते हैं कि यह मामला यहीं ख़त्म नहीं होगा। कोई भी अपना मुँह नहीं खोलना चाहता वरना उसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता है। सबसे ख़तरनाक तो उसके ‘चेले’ हैं जिनके पास कोई और काम नहीं है और वे कुछ भी कर सकते हैं।’
बता दें कि पीड़िता के पिता की पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी। मौत से पहले पीड़िता के पिता का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने भी कहा था कि विधायक के भाई और उसके गुर्गों ने उन्हें पीटा था।
पीड़िता के पिता की मौत के मामले में विधायक सेंगर के भाई जयदीप सिंह का नाम सीबीआई की चार्जशीट में है। पीड़िता का घर मिट्टी और गोबर से बना हुआ है, जबकि विधायक सेंगर का बहुत बड़ा बंगला है और यह कई एकड़ में फैला है।
यहाँ से मुश्किल से आधा किमी. दूर वकील का घर है। वकील के परिवार ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी को बताया था कि वह गाँव से बाहर जा रहे हैं। वकील के छोटे बेटे ने बताया, ‘जब मैंने पापा को फ़ोन किया तो किसी और ने उनका फ़ोन उठाया और कहा कि वह घायल हैं। हमारे रिश्तेदार रायबरेली में रहते हैं, जो तुरंत मौक़े पर पहुँचे और उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए। बाद में घर से दादा और चाचा भी वहाँ गए।’
वकील की माँ ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि वकील का काम सलाह देना होता है। माँ ने कहा, ‘अगर सड़क दुर्घटना में कोई साज़िश नहीं है तो आख़िर क्यों ट्रक की नंबर प्लेट पुती हुई थी। वह तो बस सिर्फ़ अपना काम कर रहा था।’ माँ ने बताया, ‘मैंने अपने बेटे से इस मुश्किल केस को हाथ में लेने के बारे में बात भी की थी लेकिन वह हमेशा कहता था कि यह उसके काम का हिस्सा है।’ बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में केंद्र सरकार से सीबीआई जाँच कराने की सिफ़ारिश करने जा रही है।