केंद्र सरकार में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। वे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता हैं। वे आज दिल्ली में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। साफ़ है कि इसके साथ ही उनका दल भी भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाला गठबंधन छोड़ कर बाहर आ रहा है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि सत्तारूढ़ मोर्चा में टूट-फूट तेज़ हो गई है। कुछ महीने पहले ही तेलुगु देशम पार्टी ने नरेंद्र मोदी का साथ छोड़ दिया था और बीते दिनों तेलंगाना में हुए चुनाव में उसके ख़िलाफ़ लड़ा था।
सीट बँटवारे पर नाराज़गी
कुशवाहा भारतीय जनता पार्टी से बीते कुछ समय से नाराज़ चल रहे थे। वे अगले आम चुनावों में गठबंधन में मिलने वाली सीटों से नाखुश थे। उनकी पार्टी ने कम-से-कम पाँच सीटें माँगी थीं, पर बीजेपी दो से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं थी। इसे लेकर दोनों दलों में काफ़ी तनातनी चल रही थी।बातचीत नाकाम
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनकी बातचीत नाकाम रही थी और उन्होंने सरकार पर दबाव बनाने के लिए कई बार बयान भी दिए थे। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि 30 नवंबर तक अंतिम बात नहीं हुई तो वे अलग फ़ैसला लेने को स्वतंत्र होंगे। लेकिन इसके बाद भी बीजेपी की ओर से उन्हें मनाने की कोई ख़ास कोशिश नहीं हुई।सोमवार को दोपहर बाद दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक में भाग के बाद वे उस साझा मोर्चा में शामिल हो सकते हैं। यह अहम इसलिए है कि जहां एक ओर सत्ताधारी गठबंधन टूट रहा है, विपक्षी दल एकता की ओर बढ़ रहे हैं। सोमवार की बैठक में तमाम दलों की क्या सहमति बनती है, यह देखना दिलचस्प होगा, पर तेलुगु देशम पार्टी के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का बाहर निकलना बीजेपी के लिए बुरी ख़बर है।