मार्च, 2021 तक केंद्र सरकार कोई नई योजना शुरू नहीं करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरकार के सभी मंत्रालयों को बता दिया गया है कि वे वित्त मंत्रालय को नई योजनाओं के बारे में अनुरोध न भेजें। लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को कितनी जोरदार चोट लगी है, केंद्र के इस फ़ैसले से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
हालांकि प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं पर काम चलता रहेगा।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण हमें अपने संसाधनों का समझदारी से इस्तेमाल करने और प्राथमिकताओं को बदलने की ज़रूरत है। इस बार बजट में स्वीकृत की गई योजनाएं भी 31 मार्च तक निलंबित रहेंगी।
महाराष्ट्र ने भी लिया था ऐसा फ़ैसला
इससे पहले मई में महाराष्ट्र सरकार ने भी ऐसा ही फ़ैसला लेते हुए कहा था कि अगले साल मार्च तक राज्य में विकास का कोई भी नया काम शुरू नहीं होगा। इसके साथ ही नौकरियों में भी कोई नई भर्ती नहीं की जाएगी। सरकार ने 2020-21 के लिए विकास कार्यों में 67 फ़ीसदी कटौती की घोषणा की थी। 1960 में राज्य के गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ।
दो महीने पहले ही महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने 4.34 लाख करोड़ का बजट पेश किया था जो पिछले बजट से 4.1 फ़ीसदी ज़्यादा था लेकिन कोरोना संकट ने राज्य की कमर तोड़कर रख दी है।
लॉकडाउन के कारण अप्रैल में देश के सभी 8 कोर सेक्टर का आउटपुट रिकॉर्ड 38.1 फ़ीसदी गिरा है इसके अलावा 2019-20 की चौथी तिमाही में जीडीपी 3.1% रही है जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी 4.2% रही है। यह 11 साल का सबसे कम स्तर है। रिजर्व बैंक भी विकास दर के नेगेटिव होने की बात कह चुका है।