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हनुमान चालीसा पढ़िए, ....तो दादागिरी निकाल देंगे: उद्धव

हनुमान चालीसा पढ़िए, ....तो दादागिरी निकाल देंगे: उद्धव

हनुमान चालीसा विवाद पर पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व को लेकर चेताया। जानिए उन्होंने क्यों कहा कि बता कर घर आओगे तो सत्कार होगा, लेकिन दादागिरी नहीं चलेगी।

महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा का विवाद थमता हुआ नज़र नहीं आ रहा है। हनुमान चालीसा के विवाद में महाराष्ट्र की एक सांसद और उनके विधायक पति की गिरफ्तारी हो चुकी है। बीजेपी द्वारा मुद्दा बनाए जाने के बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप मुझे हिंदुत्व का पाठ नहीं पढ़ा सकते हो। उन्होंने कहा कि ‘मैंने बाला साहब ठाकरे से हिंदुत्व के बारे में सीखा है, उनका हिंदुत्व कहता है कि मुझे मंदिर में घंटा बजाने वाला हिंदू नहीं चाहिए बल्कि आतंकियों को बजाने वाला हिंदू चाहिए’।

बेस्ट बस के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री बहुत हुए लेकिन जिसके साथ लोग होते हैं वही सीएम लोकप्रिय होता है। यह लोकप्रियता मेरी नहीं आपकी है। मुंबई बेस्ट बस के स्टॉप की डिज़ाइन को प्रधानमंत्री कार्यालय ने हमसे मांगा है।’ उद्धव ठाकरे ने निशाना साधते हुए कहा कि हमारे शासन और राष्ट्रपति शासन में यही फर्क है। 

उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘कई दिन से लोग बोल रहे हैं कि मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया। अरे मैंने क्या छोड़ दिया। हिंदुत्व क्या कोई धोती है जिसे मैंने बांधा और छोड़ दिया। जो हमें हिंदुत्व सिखा रहे हैं उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि आख़िर उन्होंने हिंदुत्व के लिए क्या किया है। जिस समय बाबरी मसजिद को ढहाया गया था तब आप लोग कहाँ थे।’ ठाकरे ने कहा कि ‘राम मंदिर बनाने का फ़ैसला भी आपने नहीं अदालत ने दिया है। राम मंदिर बनाते समय भी आपने लोगों के सामने हाथ फैलाए। आप मुझे हिंदुत्व के बारे में क्या सिखाते हैं।’

यह कहते हुए कि मुझे मंदिर में घंटा बजाने वाला हिंदू या हिंदुत्व नहीं चाहिए, उद्धव ठाकरे ने नवनीत राणा और रवि राणा पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘यह घंटाधारी हिंदुत्ववादी कहाँ से आए हैं। हम गदाधारी हिंदुत्ववादी हैं। ये लोग हमें हिंदुत्व ना सिखाएं’।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अमरावती से सांसद नवनीत राणा को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि ‘यहां जिसको हनुमान चालीसा पढ़नी है पढ़िए। रामदास स्वामी ने भी मारुति सूत्र लिखा है। जिसमें भीमरूपी महारुद्र का ज़िक्र है। यह भीम रूप और महारुद्र क्या होता है अगर तुम शिवसेना के अंग (शरीर) पर आओगे तो आपको सबक़ जरूर सिखाएंगे। हमारा हिंदुत्व हनुमान की गदा के समान गदाधारी है।’ ठाकरे ने आगे कहा,

घर आना है तो आओ। अगर आपको आपके घर पर हनुमान चालीसा पढ़ने की आदत नहीं है और आप हमारे घर में पढ़ना चाहते हैं तो ज़रूर आइए लेकिन उसका भी एक तरीका होता है।


उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र सीएम

उन्होंने आगे कहा, 'दिवाली हो दशहरा हो या फिर कोई और त्यौहार, हमारे घर पर साधु महात्मा अक्सर आते रहते हैं। हमारे घर में दिवाली या दशहरा ना हो तो भी साधु संत आते ही रहते हैं। बालासाहेब ज़िंदा थे, मां साहेब ज़िंदा थीं तब भी आते थे और आज भी आते हैं। लेकिन वह आने के पहले बाकायदा बता कर आते थे कि मैं आपके घर आना चाहता हूं कुछ तो आपको बताना चाहता हूँ। आप ज़रूर आइए हम आदर-सत्कार करेंगे लेकिन दादागिरी करेंगे तो शिवसेना प्रमुख ने हिंदुत्व के पाठ में यह भी पढ़ाया है कि कैसे दादागिरी निकाली जाती है। इसलिए मुझे ज़्यादा कुछ बोलना नहीं है।’

उद्धव ने कहा, ‘भले ही कोरोना कम हो गया है लेकिन जब तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मास्क पहनते हैं तब तक आप लोग भी मास्क पहनिए। बहुत जल्द मैं एक सभा को संबोधित करना चाहता हूं और जल्द करूंगा। ये जो नकली हिंदुत्व वाले आए हैं, ये लोग जो यह सोचते हैं कि तेरी कमीज मेरी कमीज से भगवी कैसे। ऐसे लोगों का समाचार तो मुझे लेना ही पड़ेगा। जब लेना होगा तब मैं यह भी जरूर करूंगा।’

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहली बार हनुमान चालीसा विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। महाराष्ट्र बीजेपी के नेता पिछले काफी समय से यह सवाल उठा रहे थे कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व छोड़ दिया है। पहले जहां बीजेपी नेता मोहित कंबोज ने हनुमान चालीसा का राग छेड़ा था उसके बाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने हनुमान चालीसा को मसजिदों के सामने बजाने को लेकर राज्य सरकार से दो-दो हाथ करने का फ़ैसला किया था।

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