भगवान राम का जन्म नहीं हुआ होता तो बीजेपी क्या मुद्दा उठाती: उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही तनातनी के बीच राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अब बीजेपी पर हमला किया है। उन्होंने बीजेपी पर मुद्दा विहीन होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि 'मुझे आश्चर्य है कि यदि भगवान राम का जन्म नहीं हुआ होता तो बीजेपी राजनीति में क्या मुद्दा बनाती'। उन्होंने इसी संदर्भ में आगे कहा कि बीजेपी के पास मुद्दों की कमी है इसलिए वह धर्म और नफरत की बात करती है। उन्होंने हिंदुत्व की पैरोकारी करने के बीजेपी के रवैये पर भी सवाल उठाए और कहा कि उसके पास हिंदुत्व का 'पेटेंट' नहीं है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे कोल्हापुर उत्तर सीट से 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए रविवार को महा विकास अघाड़ी की उम्मीदवार जयश्री जाधव के लिए प्रचार कर रहे थे। जयश्री जाधव कांग्रेस से ताल्लुक रखती हैं।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि बीजेपी के पास हिंदुत्व का 'पेटेंट' नहीं है और दावा किया कि दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने बीजेपी को दिखाया था कि 'भगवा और हिंदुत्व' के संयोजन से केंद्र में सत्ता हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना हमेशा भगवा और हिंदुत्व के लिए प्रतिबद्ध रही है। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी का भारतीय जनसंघ और जनसंघ जैसे अलग-अलग नाम थे, जो विभिन्न विचारधाराओं का प्रचार करते थे।
ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी बाल ठाकरे का सम्मान करने का दावा करती है तो वह पार्टी दिवंगत शिवसेना संस्थापक के नाम पर आगामी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम रखने के प्रस्ताव का विरोध क्यों कर रही है।
कोल्हापुर उत्तर सीट पर जयश्री जाधव के समर्थन में हुई उस जनसभा में उद्धव ठाकरे ने 2019 में निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार की हार के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया। उस वक़्त दोनों दलों के बीच शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन था। ठाकरे ने कहा कि 2014 के चुनावों की तुलना में 2019 के चुनावों में कांग्रेस के वोटों में वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप बीजेपी के साथ गठबंधन के बावजूद शिवसेना के उम्मीदवार की हार हुई। उन्होंने कहा, '2019 में बीजेपी का वोट कहां गया? क्या उस समय आपका (भाजपा) कांग्रेस के साथ गुप्त गठबंधन था?'
ठाकरे ने कहा, 'बीजेपी अमित शाह द्वारा बालासाहेब के कमरे में दिए गए अपने वचन और प्रतिबद्धता से पीछे क्यों हट गई, जिसे मैं एक मंदिर मानता हूँ।' वह 2019 के चुनाव में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद देने के कथित वादे के संदर्भ में यह बोल रहे थे। 2019 में राज्य के चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर शिवसेना और बीजेपी के बीच संबंध टूट गया था।
बीजेपी और अमित शाह ने मुख्यमंत्री पद पर कथित वादे के संबंध में ठाकरे के दावों को खारिज कर दिया था। इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार बनाई।
ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने कोल्हापुर उत्तर सीट के लिए दावा पेश नहीं किया। उन्होंने कहा कि एमवीए भागीदारों ने हाल ही में एक बैठक में चर्चा की थी। उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि गठबंधन सरकार बिल्कुल सही चल रही है और उनकी सरकार के ख़िलाफ़ झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है।