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उद्धव के पूर्व सलाहकार के फ़्लैट की ख़रीद पर आयकर विभाग की नज़र 

उद्धव के पूर्व सलाहकार के फ़्लैट की ख़रीद पर आयकर विभाग की नज़र 

महाराष्ट्र की सियासत में बीजेपी और महा विकास आघाडी सरकार के बीच जंग नेताओं की बयानबाज़ी के अलावा जांच एजेंसियों को एक-दूसरे के पीछे दौड़ाने के कारण भी हो रही है।

महाराष्ट्र की सियासत में बीजेपी और महा विकास आघाडी सरकार के बीच जंग नेताओं की बयानबाज़ी के अलावा जांच एजेंसियों के जरिये भी लड़ी जा रही है। ताज़ा मामले में आयकर विभाग की नज़र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पूर्व प्रधान सलाहकार अजोय मेहता के एक फ़्लैट की ख़रीद में हुए लेन-देन पर जाकर टिक गई है। मेहता महाराष्ट्र रियल स्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) के चेयरमैन भी हैं। 

मेहता ने अक्टूबर, 2020 में नरीमन प्वाइंट इलाक़े में स्थित समता को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में एक फ़्लैट ख़रीदा था। फ़्लैट की क़ीमत 5.33 करोड़ थी और उन्होंने इसे अनामित्रा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से ख़रीदा था। 

7 जुलाई को आयकर विभाग ने अनामित्रा प्रॉपर्टीज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि इस फ़्लैट को ख़रीदने के लिए मई, 2009 में अनामित्रा प्रॉपर्टीज ने 4 करोड़ रुपये का जो लेन-देन किया, वह बेनामी है। 

आयकर विभाग अपने नोटिस में कहता है कि अनामित्रा प्रॉपर्टीज के एक शेयरहोल्डर जिनका नाम कमलेश नथूनी सिंह है, वह मुंबई के पश्चिमी उपनगर की एक चॉल में रहते हैं और इस शख़्स के पास अनामित्रा प्रॉपर्टीज की 99 फ़ीसदी हिस्सेदारी है। जबकि दीपेश रविंद्र सिंह नाम के दूसरे शेयरहोल्डर ने साल 2020-21 में अपनी कुल आय मात्र 1.71 लाख दिखाई है। 

आयकर विभाग को दिए गए बयान में कमलेश नथूनी सिंह और दीपेश रविंद्र सिंह ने कहा है कि उन्हें इस बारे में पता ही नहीं है कि अनामित्रा प्रॉपर्टीज के कोई शेयर ख़रीदे गए हैं और उनके पास अनामित्रा प्रॉपर्टीज का कोई मालिकाना हक़ या स्वामित्व नहीं है। 

आयकर विभाग के मुताबिक़, इससे ये बात साफ होती है कि किसी और ने इनके नामों का इस्तेमाल इस फ़्लैट के लेन-देन में किया है। नोटिस में अनामित्रा प्रॉपर्टीज से पूछा गया है कि ऐसे में क्यों न इस फ़्लैट को बेनामी संपत्ति घोषित कर दिया जाए। 

फर्जी कंपनी बताया 

नोटिस में कहा गया है कि कंपनी की माली हालत को देखकर पता चलता है कि वह कोई व्यवसाय नहीं कर रही है और यह कहा जा सकता है कि यह एक फर्जी कंपनी है। नोटिस के मुताबिक़ यह कंपनी सिर्फ़ बेनामी संपत्तियों को रखने के लिए बनाई गई है और इस तरह अनामित्रा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड एक बेनामीदार कंपनी है। 

नियमों का पालन किया 

लेकिन मेहता ने इस बारे में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि उन्होंने यह फ़्लैट सभी नियमों का पालन करते हुए ख़रीदा है और इसके लिए बाज़ार की क़ीमत के हिसाब से पैसे चुकाए हैं। उन्होंने कहा कि वह टैक्स देते हैं और नहीं जानते कि इस तरह की बातें कहां से आ रही हैं। 

अजोय मेहता जुलाई, 2020 से इस साल फ़रवरी तक उद्धव ठाकरे के प्रधान सलाहकार थे और इसके बाद ही उन्हें महारेरा का चेयरमैन बनाया गया था। वह मुंबई के नगर आयुक्त भी रहे हैं और उद्धव ठाकरे के बेहद भरोसेमंद माने जाते हैं।

चार नेता निशाने पर 

बता दें कि महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में शामिल एनसीपी के चार बड़े नेता और उनके रिश्तेदार इन दिनों जांच एजेंसी ईडी के रडार पर हैं। इनमें एकनाथ खडसे और उनके दामाद गिरीश चौधरी, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर ख़ान, पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार शामिल हैं। 

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