ट्विटर यूज़रों ने प्रधानमंत्री मोदी को ही 'आंदोलनजीवी' बता दिया!
प्रधानमंत्री मोदी ने 'आंदोलनजीवी' वाला जो बयान दिया है उस पर सोशल मीडिया पर ज़बर्दस्त प्रतिक्रिया आई है। किसी ने प्रधानमंत्री मोदी को आंदोलनों में उनके शामिल होने की तसवीरें ट्वीट की हैं तो किसी ने भगत सिंह से लेकर महात्मा गाँधी तक और दूसरे स्वतंत्रता सैनानियों को याद कर लिखा है कि आंदोलनों की वजह से ही देश आज़ाद हुआ है। किसी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिलाई है तो किसी ने ख़ुद मोदी को आंदोलन से राजनीतिक करियर बनाने वाला बताया है।
सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रियाएँ तब आई हैं जब प्रधानमंत्री मोदी संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के आख़िर में जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि इस देश में एक नई जमात का जन्म हुआ है, जिसका नाम है 'आंदोलनजीवी'। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ये लोग ख़ुद आंदोलन नहीं चला सकते हैं, लेकिन किसी का आंदोलन चल रहा हो तो वहाँ पहुँच जाते हैं। ये आंदोलनजीवी ही परजीवी हैं, जो हर जगह मिलते हैं।'
प्रधानमंत्री के संसद में भाषण के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि 'गर्व से कहो... हम सब आंदोलनजीवी हैं...।'
गर्वसे कहो..
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 8, 2021
हम सब आंदोलनजीवी है..
जय जवान
जय किसान! pic.twitter.com/8zSXztMUf2
शिवसेना की ही एक अन्य नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि देश को अंग्रेज़ों से आज़ादी भी एक आंदोलन से ही मिली थी।
देश को अंग्रेजों से स्वतंत्रता भी एक आंदोलन से ही मिली थी।
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) February 8, 2021
गर्व है उन सभी ‘आंदोलनजीवी’ स्वतंत्रता सेनानियों का जो देश के लिए समर्पित रहे।
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि "जिन्होंने अपना राजनीतिक करियर आंदोलन करके बनाया है वह किसानों को नीचा दिखाने के लिए 'आंदोलनजीवी' कह रहे हैं।"
जो कल तक कहते थे कि "मैंने अपना राजनीतिक कैरियर आंदोलन करके बनाया है", वह आज हमारे किसानों को नीचा दिखाने के लिए 'आंदोलन जीव' कह रहे हैं!
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) February 8, 2021
वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने एक तसवीर साझा करते हुए लिखा है, 'प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा परिभाषित किए गए 'आंदोलनजीवी' देखे गए।'
“Andolanjivi” defined by @PMOIndia spotted pic.twitter.com/gZUGwtfRCO
— Swati Chaturvedi (@bainjal) February 8, 2021
रचित सेठ ने एक तसवीर साझा करते हुए लिखा है, 'बैलगाड़ी पर आंदोलन करते और संसद में प्रवेश करते वाजपेयी। आंदोलनजीवी?'
Vajpayee performing Andolan on a bullock cart and entering Parliament. #AndolanJeevi ? #आंदोलन_जीवी pic.twitter.com/uFJPwvDTDe
— Rachit Seth (@rachitseth) February 8, 2021
पत्रकार माधवन नारायणन ने लिखा है, 'जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया, तो हमने वाजपेयी, जेपी, जॉर्ज फर्नांडीस और आडवाणी को #Andolanjeevis बनते देखा। आज़ादी से पहले आंबेडकर, गांधी और लोहिया की तरह।'
When Indira Gandhi imposed Emergency, we saw Vajpayee, JP, George Fernandes and Advani become #Andolanjeevis . Just like Ambedkar,Gandhi and Lohia before Independence.#Andolanjeevi #Andolanjivi
— Madhavan Narayanan (@madversity) February 8, 2021
आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने लिखा है, 'एक आंदोलनजीवी कभी भी तड़ीपारजीवी से अच्छा है।'
An #AndolanJeevi is any day greater than a #TadiparJeevi.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) February 8, 2021
किसान आंदोलन से जुड़े रहे और स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि "हाँ, मैं 'आन्दोलनजीवी' हूँ मोदी जी!" अस्पताल में भर्ती योगेंद्र यादव ने एक वीडियो बयान जारी किया है। उसमें उन्होंने कहा है कि वह अस्वस्थ होने की वजह से अस्पताल में हैं और सोशल मीडिया पर लाइव होने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने जिस तरह से संसद में भाषण दिया है उसपर यह ज़रूरी हो गया है।
हाँ, मैं "आन्दोलनजीवी" हूँ मोदी जी! #FarmersProtest #andolanjivi https://t.co/XtMj8fPEWV
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 8, 2021
प्रधानमंत्री के इस बयान को योगेंद्र यादव जैसे नेताओं पर निशाना साधने के तौर पर देखा गया। यह इसलिए कि जब से यह किसान आंदोलन शुरू हुआ है तब से योगेंद्र यादव किसानों की माँगों को उठा रहे हैं। जब सरकार ने किसान नेताओं के साथ वार्ता शुरू की थी तब उसने सिर्फ़ किसान नेताओं को शामिल किया था और उसमें योगेंद्र यादव शामिल नहीं थे। शायद योगेंद्र यादव के किसान आंदोलन में शामिल होना बीजेपी को खटकता रहा। इसके बावजूद जो किसानों का संयुक्त किसान मोर्चा बना उसमें वह मुख्य प्रवक्ताओं में से एक थे।
योगेंद्र यादव ने वीडियो में कहा, 'संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के गरिमामय जैसे मौक़े पर प्रधानमंत्री ने ऐसी बात कह दी, और एक ऐसी कुटिल मुस्कान के साथ कह दी। और कोई शब्द नहीं है इस तरह की मुस्कान के लिए।' उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि बात तो कहनी पड़ेगी।
यादव ने कहा, 'ये शब्द प्रधानमंत्री बोल रहे हैं! संसद में बोल रहे हैं! इशारा साफ़ था किन लोगों पर था। इतना डरते हैं हमसे। शोभा नहीं देता प्रधानमंत्री जी। बहुत बड़ी कुर्सी पर बैठे हो, मन भले ही छोटा हो।'