पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के दिनहाटा में शनिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक की कार पर कथित तौर पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने हमला किया। तृणमूल समर्थकों द्वारा किए गए पथराव में मत्री की कार की विंडशील्ड टूट गई। विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने मंत्री को काले झंडे भी दिखाए।
कूच बिहार से सांसद निसिथ प्रमाणिक ने कहा कि जब टीएमसी के लोग उनपर हमला कर रहे थे तब पुलि मूकदर्शक बनी खड़ी कर रही है, जिन्होंने उनके ऊपर पत्थर फेंके और हिंसा की पुलिस उनको बचा रही है। मंत्री ने राज्य की टीएमसी हमला बोलते हुए कहा कि वह शरारती तत्वों को पनाह दे रही है। राज्य के लोग देख रहे हैं कि राज्य में टीएमसी समर्थक क्या कर रहे हैं।
मंत्री पर हुए हमले में पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने भी टीएमसी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में अगर कोई केंद्रीय मंत्री सुरक्षित नहीं है, तो फिर दूसरों की स्थिति के बारे में सोचिए। बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने राज्यपाल से राज्य में अनुच्छेद 355 लागू करने की मांग की।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने प्रमाणिक पर हुए हमले की निंदा की और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गुंडे पूरे राज्य में खुलेआम घूम रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के जयप्रकाश मजूमदार ने भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि दिलीप घोष और शुभेंदु अधिकारी पर शांति भंग करने के लिए बीजेपी के कार्यकर्ताओं को उकसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा पहले इन नेताओं पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
साहेबगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बुरिरहाट क्षेत्र में राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के बुरिरहाट बाजार स्थित भाजपा समर्थक के घर जाने के मुद्दे पर क्षेत्र में तनाव व्याप्त था। टीएमसीपी समर्थक काले झंडे दिखाने के लिए सुबह से ही बुरिरहाट पार्टी कार्यालय पर जमा थे। बारह बजे के आसपास राज्य मंत्री ने क्षेत्र का दौरा किया और थोड़ी देर बाद दिनहाटा की ओर निकल गए। मंत्री के जाने के 10 मिनट बाद ही भाजपा समर्थक लाठी, पत्थर और ईंटों के साथ वहां पहुंच गए। ओसी साहेबगंज पीएस ने अपनी टीम के साथ उन्हें रोकने की कोशिश की और उन्हें टीएमसीपी समर्थकों की तरफ जाने से रोका। भाजपा समर्थकों ने ऐसा करने से मना कर दिया और पथराव शुरू कर दिया। पुलिस को दोनों पक्षों को घटनास्थल से हटाने के लिए गोलीबारी भी करनी पड़ी।