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टाइटैनिक को देखने गई पनडुब्बी डूबी, सभी यात्रियों की मौत

टाइटैनिक को देखने गई पनडुब्बी डूबी, सभी यात्रियों की मौत

टाइटैनिक को देखने के लिए गई यात्रियों को लेकर गई पनडुब्बी का आख़िरकार पता चल गया है। जानिए, पनडुब्बी चलाने वाली कंपनी ने क्या कहा है।

पिछले कुछ दिनों से लापता पनडुब्बी का अब पता चल गया है। कंपनी के अधिकारियों ने कहा है कि उस पनडुब्बी का मलबा मिला है। अमेरिकी तटरक्षक अधिकारी ने कहा है कि लापता पनडुब्बी में सवार पांच लोगों की मौत हो गई है। ये सभी टाइटैनिक को देखने के लिए गहरे समुद्र में गए थे। हालाँकि, इनमें से किसी का शव बरामद नहीं किया जा सका है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उस पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी ओशनगेट एक्सपीडिशन ने एक बयान में कहा, 'ये लोग सच्चे खोजकर्ता थे, जिनमें रोमांच की एक अलग भावना और दुनिया के महासागरों की खोज और सुरक्षा के लिए गहरा जुनून था। इस दुखद समय में हमारे दिल इन पांच दिवंगत आत्माओं और उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ हैं।'

एक कनाडाई जहाज की ओर से तैनात एक मानव रहित गहरे समुद्र के रोबोट ने आज पनडुब्बी के मलबे की खोज की। अमेरिकी तट रक्षक रियर एडमिरल जॉन माउगर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह सदी के पुराने जहाज से लगभग 1,600 फीट यानी क़रीब 4 किमी नीचे था। 

कई देशों की बचाव टीमों ने अमेरिका स्थित ओशनगेट एक्सपीडिशन द्वारा संचालित टाइटन के संकेत के लिए विमानों और जहाजों के साथ हजारों वर्ग मील खुले समुद्र में कई दिन बिताए। रविवार की सुबह सबमर्सिबल का अपने सहायक जहाज से लगभग एक घंटे 45 मिनट बाद संपर्क टूट गया था।

रिपोर्टों में कहा गया है कि मलबे के शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि टाइटन पनडुब्बी विस्फोट के कारण डूब गई होगी। आशंका जताई जा रही है कि विस्फोट इसके उपकरणों या ऑक्सीजन टैंक में हो सकता है। ओशनगेट ने भी कहा है कि वह मलबे का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद ही दुर्घटना के कारणों का खुलासा कर सकेगी।

जहाज पर सवार पांच लोगों में ब्रिटिश अरबपति और खोजकर्ता हामिश हार्डिंग, पाकिस्तान में जन्मे 48 वर्षीय व्यवसायी शहजादा दाऊद और उनके 19 वर्षीय बेटे सुलेमान (दोनों ब्रिटिश नागरिक), फ्रांसीसी समुद्र विज्ञानी और टाइटैनिक विशेषज्ञ 77 वर्षीय पॉल-हेनरी नार्जियोलेट और ओशनगेट के अमेरिकी संस्थापक और मुख्य कार्यकारी स्टॉकटन रश थे। रश ही सबमर्सिबल को चला रहे थे। मंगलवार और बुधवार को समुद्र के नीचे की आवाज़ों का पता लगने से अस्थायी रूप से उम्मीद जगी थी कि सबमर्सिबल पर सवार लोग जीवित होंगे। हालाँकि अधिकारियों ने सचेत किया था कि ध्वनि का विश्लेषण अनिर्णायक था और हो सकता है कि आवाज़ें टाइटन से बिल्कुल भी नहीं निकली हों।

बता दें कि टाइटैनिक 1912 में अपनी पहली यात्रा में ही एक हिमखंड से टकराने के बाद डूब गया था, इसमें 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे। इसी को देखने टाइटन पनडुब्बी से पाँच लोग यात्रा पर जा रहे थे।

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