भारत और पाकिस्तान के बीच हर क्षण बढ़ रहे तनाव और आतंकवादियों के अपने देश में होने से पाकिस्तान के इनकार करने के बीच भारत के लिए एक अच्छी ख़बरी है। दरअसल अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर मसूद अज़हर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया है।
अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो जैश-ए-मुहम्मद के दिन उसी दिन से ढलने शुरू हो जाएंगे। मसूद पर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी होने का ठप्पा लग जाएगा, जिस कारण न तो वो दुनिया में घूम सकता है और न ही व्यापार कर सकता है।
चीन पर रहेगी नज़र
बता दें कि वीटो पावर वाले इन तीनों देशों ने बुधवार को ही सुरक्षाा परिषद में यह प्रस्ताव पेश कर दिया। इस प्रस्ताव को रूस का भी साथ मिलेगा क्योंकि रूस पहले भी जैश पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में रहा है। इसके इतर जिस पर सबकी निगाहें होंगी, वह देश है चीन। चीन ही एक ऐसा देश है जो वीटो का प्रयाग कर अज़हर को बचाता आया है।बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले में हुए आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी जैश ने ही ली थी। हमले के कुछ देर बाद ही उसने एक वीडियो जारी कर इसकी ज़िम्मेदारी ली, जिसमें भारत के 40 सीआरपीएफ़ जवान मारे गए थे।
ऐसा नहीं है कि जैश का भारत पर यह पहला हमला है। इससे पहले भी वह 2001 में भारतीय संसद पर, 2016 में पठानकोट और उरी पर हमले करा चुका है।
पाकिस्तान हमेशा ही अपनी ज़मीन पर चल रहे आतंकियों को संरक्षण ही नहीं देता है, अपनी सीमा में आतंकवादियों के होने से भी इंकार करता रहा है। वहां हाफ़िज सईद, मसूद अज़हर जैसे खूंखार आंतकवादी खुले घूमते हैं और उनपर कोई रोक टोक नहीं है। अगर तीनों देशों द्वारा मसूद अज़हर के ख़िलाफ़ पेश किया गया प्रस्ताव पास हो जाता है तो पाकिस्तान के मुँह पर एक क़रारा तमाचा होगा।