किसान घाट की यह तस्वीर बीजेपी को कर देगी विचलित, कैसे बदल रहे हैं यूपी के चुनावी समीकरण
दिल्ली के किसान घाट पर आज जो तस्वीर उभरी है, वो यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर बीजेपी के दिल की धड़कन बढ़ा देगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिलहाल राजनीति किस तरफ जा रही है, यह तस्वीर उस तरफ भी इशारा कर रही है।
...और जानते हैं इस तस्वीर को किसने सार्वजनिक किया है। यह तस्वीर खुद राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है।
आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती है। उस मौके पर किसान घाट दिल्ली में चौधरी चरण सिंह के पोते और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष जयंत चौधरी परिवार के साथ पहुंचे और हवन भी किया। अभी जब हवन चल ही रहा था तो यूपी के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत भी अचानक ही वहां पहुंचे और जयंत चौधरी के बगल बैठ गए।
इसके बाद हवन सामग्री तो राकेश टिकैत डालते दिखे लेकिन घी जयंत चौधरी डालते देखे गए। दोनों इस काम में एक दूसरे की मदद कर रहे थे।
पूरे किसान आंदोलन के दौरान या बाकी रैलियों में टिकैत और जयंत चौधरी कभी एकसाथ नहीं दिखे।
अलबत्ता, जयंत चौधरी खुल कर किसान आंदोलन का समर्थन और मदद कर रहे थे। उनकी पार्टी का पूरा काडर किसान आंदोलन में लगा हुआ था।
कैसे उलझाता है मीडिया
कार्यक्रम खत्म होने के बाद मीडिया ने दोनों को घेर लिया और जयंत चौधरी और राकेश टिकैत पर सवालों की बौछार कर दी।
मीडिया ने जयंत चौधरी से अपना प्रिय सवाल पूछा कि अभी तक आपका सपा से सीटों का तालमेल हुआ नहीं और आप लोग एक साथ रैली कर रहे हैं।
जयंत ने इसका जवाब दिया -
“
हम लोग 403 सीटों पर लड़ रहे हैं। हमारे बीच बहुत बेहतर तालमेल है। आप लोगों ने हमारी मेरठ रैली देखी होगी। आज अलीगढ़ के इगलास में भी हमारी फिर एक रैली है। जरूर देखिएगा।
राकेश टिकैत को भी घेरा
मीडिया ने वहीं पर राकेश टिकैत को भी घेरा। उनसे सवाल किए कि वो क्या जयंत चौधरी की पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।
टिकैत ने कहा कि वो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में किसी भी पार्टी का प्रचार नहीं करेंगे। लेकिन जो भी किसानों के हक के लिए लड़ेगा, हम उसके साथ खड़े हैं। हमारा संगठन उनके साथ खड़ा है।
टिकैत ने कहा कि वो किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को किसान घाट पर नमन करने आए थे। चौधरी साहब का परिवार और हम लोग सब एक हैं। हम लोग एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते रहे हैं। राजनीति एक अलग चीज है। हम लोग किसानों की बात करते हैं। चौधरी चरण सिंह आजीवन किसानों के हित की बात करते रहे।
बता दें कि राकेश टिकैत के पिता महेंद्र सिंह टिकैत भी चौधरी चरण सिंह परिवार के निकटवर्ती लोगों में रहे हैं।
राकेश टिकैत ने 5 सितम्बर को मुजफ्फरनगर में जो सफल किसान महापंचायत की थी, उसमें भी रालोद के वे नेता पहुंचे थे, जो जाटों की तमाम खापों से जुड़े हुए हैं।
राकेश टिकैत का जयंत चौधरी के साथ आज किसान घाट पर एकसाथ बैठना, जाट खापों में सीधा संदेश भेजेगा।
सपा की रणनीति
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग कर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है।
अखिलेश ने आज अपने ट्वीट में कहा - हम आज ‘किसान दिवस’ के अवसर पर किसानों और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को ‘भारत रत्न’ देने की पुरज़ोर मांग करते हैं।
अखिलेश ने यह ट्वीट ऐसे मौके पर किया है, जब आज अलीगढ़ के इगलास में दोनों दलों की संयुक्त रैली हो रही है।
अखिलेश की इस मांग पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चौधरी हुक्का गुड़गुड़ाते हुए अपनी-अपनी चौपालों में चर्चा करेंगे। इसका फायदा सपा और रालोद दोनों को होगा।
अखिलेश की चौ. चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग बहुत रणनीतिक है। चौधरी चरण सिंह को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाट बेल्ट में एक देवता की तरह माना जाता है। हर घर में उनकी फोटो मिल जाएगी।
बीजेपी ने भी याद किया
चुनाव काल में बीजेपी ने भी आज चौधरी चरण सिंह को याद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक भव्य सरकारी कार्यक्रम 'किसान सम्मान दिवस' आयोजित किया और किसानों के लिए लंबी-चौड़ी बातें कीं।
लेकिन दिल्ली की तस्वीर ने बीजेपी को फिलहाल विचलित कर दिया है।
सीएम योगी ने इस कार्यक्रम में कहा - हमने किसानों के लिए बहुत काम किया है। गन्ना किसानों को करोड़ों का भुगतान किया। पिछली सरकार का भी भुगतान हमारी सरकार ने किया है। प्रदेश की बंद चीनी मिलों को खोला। किसान सम्मान निधि भी भाजपा सरकार ने शुरू की।
एक कार्यक्रम में उन्होंने किसानों को ट्रैक्टर भी बांटे।
इस कार्यक्रम में आने से पहले योगी पूर्व पीएम की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने भी गए।
बीजेपी ने सिर्फ लखनऊ में ही कार्यक्रम नहीं किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देवसिंह बड़ौत और बागपत पहुंचे और चरण सिंह को याद किया।
यह इलाका चरण सिंह का पैतृक इलाका है।
डिप्टी सीएम केशव मौर्य को मेरठ भेजा गया। मेरठ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी पहुंचे। जहां उन्होंने चरण सिंह को याद करते हुए मेरठ एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया।
गडकरी कई अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए और वहां चौधरी चरण सिंह को याद किया।
बीजेपी की इतनी कोशिशों के बावजूद दिल्ली के किसान घाट से राकेश टिकैत ने जो तस्वीर जारी की है, उसने बीजेपी की सारी घोषणाओं और कार्यक्रमों को फीका कर दिया है।
पश्चिमी यूपी में चुनावी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। हम आपको बताते रहेंगे।