मणिपुर में आतंकियों के हमले में कर्नल, उनके परिवार सहित 7 मारे गए
मणिपुर में आतंकियों ने शनिवार को असम राइफल्स की टुकड़ी पर घात लगाकर हमला कर दिया। इसमें सेना के कर्नल, चार सिपाही सहित 7 लोगों की मौत हो गई है। सेना के कर्नल की पत्नी और बेटे की मौत भी इस आतंकी हमले में हुई है। इस हमले को बीते सालों में इस इलाक़े में सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
ख़बरों के मुताबिक, यह हमला शनिवार सुबह करीब 10 बजे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में म्यांमार सीमा के पास हुआ। शहीद हुए कर्नल और जवान 46 असम राइफल्स के थे। कर्नल का नाम विप्लव त्रिपाठी है।
माना जा रहा है कि इस हमले में मणिपुर के आतंकी संगठन पीपल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ है। हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कायराना हमले की निंदा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, 'मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। मैं उन सैनिकों और परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि देता हूं जो आज शहीद हुए हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।'
Strongly condemn the attack on the Assam Rifles convoy in Manipur. I pay homage to those soldiers and family members who have been martyred today. Their sacrifice will never be forgotten. My thoughts are with the bereaved families in this hour of sadness.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2021
राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भी आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस और पैरा मिलिट्री फ़ोर्स के जवान आतंकियों की तलाश में जुटे हैं। उन्होंने कहा है कि दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा।
पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तरह मणिपुर में कई हथियारबंद संगठन सक्रिय हैं। ये अलगवावाद के समर्थक हैं और अलग होने के लिए लड़ रहे हैं।
2015 में मणिपुर में ऐसा ही हमला हुआ था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।