राफेल नडाल ने इतिहास रच दिया। ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने के साथ ही नडाल 21 पुरुष एकल ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए। इससे पहले वह अपने महान समकालीन खिलाड़ी रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच के साथ 20-20 ग्रैंडस्लैम जीतकर बराबरी पर थे।
इस ऑस्ट्रेलियन ओपन में दुनिया के नंबर वन टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच भी खेलने वाले थे लेकिन उनका ऑस्ट्रेलिया का वीजा इस कारण रद्द कर दिया गया था कि उन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया था। जोकोविच ने इसके लिए क़ानूनी लड़ाई भी लड़ी लेकिन वह हार गए और आख़िरकार उन्हें वीजा रद्द होने के कारण इस मैच से दूर रहना पड़ा। अब नडाल इस ओपन के सिकंदर बने हैं।
बहरहाल, दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी राफेल नडाल ने रविवार को मेलबर्न में दो सेट से पिछड़ने के बाद जोरदार वापसी करते हुए दानिल मेदवेदेव को हरा दिया। स्पेन के 35 साल के नडाल वरीयता में छठे नंबर पर हैं। रूस के मेदवेदेव वरीयता में दूसरे स्थान पर हैं। नडाल ने मेदवेदेव को पांच घंटे और 24 मिनट चले मुक़ाबले में 2-6, 6-7 (5), 6-4, 6-4, 7-5 से हराया। यह ऑस्ट्रेलियन ओपन का दूसरा सबसे अधिक समय चला फाइनल है। इससे पहले 2012 में सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने नडाल को पांच घंटे और 53 मिनट के मुक़ाबले में हराया था।
बहरहाल, नडाल चारों ग्रैंडस्लैम खिताब कम से कम दो बार जीतने वाले टेनिस इतिहास के चौथे पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। नडाल ने अपना पहला ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब 2009 में जीता था।
बता दें कि दुनिया में टेनिस के नंबर वन खिलाड़ी नोवाक जोकोविच इस ऑस्ट्रेलियन ओपन में नहीं खेल पाए। वह ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में खेलने के लिए पहुँचे भी थे लेकिन उन्हें वहीं से वापस लौटा दिया गया था। ऐसा इसलिए कि ऑस्ट्रेलिया में अपना वीजा को बहाल करने की क़ानूनी लड़ाई वह हार गए थे। उन्होंने कोरोना के टीके नहीं लगवाए थे और इस वजह से उनका वीजा रद्द कर दिया गया था।
जोकोविच ने कोरोना टीका से छूट मिलने वाले जो दस्तावेज़ पेश किये थे उसे ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने नहीं माना। जोकोविच ने सरकार के इस फ़ैसले को ऑस्ट्रेलियाई अदालत में चुनौती दी लेकिन अदालत ने भी फ़ैसला आख़िरकार जोकोविच के ख़िलाफ़ ही दिया।
इसके साथ ही 9 बार ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने के बाद इस बार 10वीं बार इस खिताब को जीतने का जोकोविच का सपना टूट गया था। दुनिया भर में 20 ग्रैंडस्लैम जीत चुके जोकोविच के पास भी रिकॉर्ड 21वाँ खिताब जीतने का मौक़ा था।