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जल्द ही बढ़ेगा आपके मोबाइल फ़ोन का बिल

जल्द ही बढ़ेगा आपके मोबाइल फ़ोन का बिल

रिलायंस जियो, वोडाफ़ोन और एअरटेल अपनी दरें बढ़ाने जा रही हैं। यह बढ़ोतरी ऐसे समय हो रही है जब इन कंपनियों को सरकार का अरबों रुपया बक़ाया चुकाना है। 

आपके मोबाइल टेलीफ़ोन का बिल बढ़ने ही वाला है। यदि आपने रिलयांस जियो, एअरटेल या वोडाफ़ोन की मोबाइल सेवाएं ली हैं तो अगले कुछ हफ़्तों में आपका बिल बढ़ जाएगा। इन तीनों कंपनियों ने अलग-अलग एलान किया है कि वे अपने-अपने प्लान की दरें बढ़ाने जा रही हैं। 

भारती एअरटेल और वोडाफ़ोन अपनी नई दरें 1 दिसंबर को लागू करेंगी। इन दोनों कंपनियों को सितंबर में ख़त्म हुई तिमाही में काफ़ी नुक़सान हुआ है। इसके अलावा इन कंपनियों के साथ दिक्क़त यह है कि इन्हें लाइसेंस फ़ीस और स्पेक्ट्रम फ़ीस के रूप में बहुत बड़ी रकम सरकार को चुकाना है।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले कई सालों से चल रहे एक मुक़दमे का फ़ैसला 24 अक्टूबर को सुना दिया। अदालत ने अपने फ़ैसले में दूरसंचार की सभी कंपनियों से कुल मिला कर 1.33 लाख करोड़ रुपए चुकाने का आदेश दिया। इसमें एअरटेल और वोडाफ़ोन को बहुत मोटी रकम चुकानी है। रिलायंस जियो को अपेक्षाकृत बहुत ही कम रकम चुकाना है। 

बीते 14 साल से सुप्रीम कोर्ट में एजीआर यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की परिभाषा का मामला चल रहा था। दूरसंचार कंपनियों का कहना था कि इसमें लाइसेंस और स्पेक्ट्रम फ़ीस ही होनी चाहिए, और कुछ नहीं। लेकिन सरकार का तर्क था कि इसमें लाइसेंस और स्पेक्ट्रम के अलावा यूजर चार्जेज, किराया, लाभांश (डिविडेंड्स) और पूँजी बिक्री पर मिलने वाला लाभांश भी शामिल किया जाना चाहिए। अदालत के एक खंडपीठ ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। 

रिलायंस जियो ने तक़रीबन दो साल पहले अपने सेवाएँ शुरू कीं और उसने बहुत ही सस्ते में सेवाएं देनी शुरू कीं। उस समय कुछ कंपनियों ने दबी ज़बान से कहा था कि यह ग़लत है और वे उन दरों पर सेवाएं नहीं दे सकतीं, मुमकिन ही नहीं है।

पर रिलायंस ने बेहद कम दरें ही रखीं और उस बल पर काफ़ी ग्राहकों को अपनी ओर खींच लिया। नतीजा यह हुआ कि वह इन दो सालों में ही सबसे ज़्यादा ग्राहक वाली दूरसंचार कंपनी बन गई।

जियो ने 10 अक्टूबर से यह व्यवस्था की कि जियो से ग़ैरजियो पर फ़ोन करने से प्रति मिनट 6 पैसे की दर से शुल्क चुकाना होगा। उस समय रिलायंस जियो ने कहा था कि एक सर्विस प्रोवाइडर से दूसरे सर्विस प्रोवाइडर पर कॉल करने से पैसे चुकाने होंगे, सरकार की इस नीति पर अनिश्चितता की वजह से उसने यह पैसे लेना शुरू किया है।

दूरसंचार नियामक ने 2017 में यह शुल्क 14 पैसे प्रति मिनट से घटा कर 6 पैसे प्रति मिनट कर दिया था और कहा था कि यह व्यवस्था जनवरी 2020 में ख़त्म कर दिया जाएगा। 

इसके पर जियो ने कहा था कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने कहा है कि दूरसंचार दरें बढ़ाने पर बातचीत शुरू की जाएगी। उसने यह भी कहा था कि वह इस मुद्दे पर सरकार के साथ मिल कर काम करेगी। 

इसके बाद दूरसंचार नियामक ने कहा था कि इस मुद्दे पर वह सरकार से बात कर रही है कि और जल्द ही फ़ैसला करेगी जिससे उभोक्ताओं और कंपनियों दोनों को फ़ायदा हो। 

रिलायंस जियो का कहना है कि देश में डेटा खपत बढ़ने के बावजूद लगभग 40 करोड़ लोग 4-जी टेक्नोलॉजी से बाहर है। उसने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन भारत में तभी कामयाब होगा जब यह पूरी तरह से 2जी-मुक्त हो जाएगा।

वोडाफ़ोन को जहाँ एक ओर अरबों रुपये सरकार को चुकाने हैं, कंपनी ने आयकर विभाग से 7 हज़ार करोड़ रुपए के रिफंड का दावा किया है। कंपनी को आयकर विभाग के मुंबई दफ़्तर से एक हज़ार करोड़ रुपये मिलने हैं। दूसरी ओर आयकर विभाग का कहना है कि उसे वोडाफ़ोन से 44,150 करोड़ रुपए मिलने हैं। 

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