रेवंत रेड्डी होंगे तेलंगाना के नये सीएम, गुरुवार को शपथ

07:28 pm Dec 05, 2023 | सत्य ब्यूरो

तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी तेलंगाना के नये सीएम होंगे। उनको मंगलवार को सीएलपी यानी विधानसभा में सदन का नेता चुन लिया गया। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर इसकी घोषणा की। शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को होगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के नाम पर कयासों का सिलसिला अब थम जाएगा। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस विधायक दल के नए प्रमुख होंगे। वेणुगोपाल ने कहा, 'वह अनुभवी हैं, सभी के साथ काम करते हैं और पहले ही तेलंगाना के लोगों को गारंटी के साथ वादा कर चुके हैं।'

रेवंत रेड्डी पार्टी के लिए राज्य में काफी अहम नेता बनकर उभरे हैं। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के लिए रेवंत को काफ़ी श्रेय दिया जा रहा है। उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस ने केसीआर जैसे मंझे हुए नेता की पार्टी टीआरएस को सत्ता से दूर कर दिया है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उत्तम कुमार रेड्डी और भट्टी विक्रमार्क को उपमुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है या उन्हें किसी अच्छे विभाग में जगह दी जा सकती है। 

इससे पहले राज्य में सीएम पद के लिए कई नामों पर कयास लगाए जा रहे थे। शीर्ष पद के लिए कम से कम दो संभावित उम्मीदवार कतार में थे: दलित नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्का, और उत्तम कुमार रेड्डी। उत्तर कुमार रेड्डी सात बार के विधायक हैं। वह रेवंत रेड्डी के पदभार संभालने तक कांग्रेस के राज्य प्रमुख थे।

रेवंत रेड्डी एक अनुभवी राजनेता और मल्काजगिरी से लोकसभा सांसद रहे हैं। रेवंत रेड्डी तेलंगाना की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहे हैं। 2017 में तेलुगु देशम पार्टी यानी टीडीपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे। तेलंगाना में कांग्रेस के चेहरे के रूप में रेड्डी ने आक्रामक अभियान रणनीतियाँ बनाईं और मुख्यमंत्री केसीआर के साथ सीधे टक्कर ली। उनके इन फैसलों ने उन्हें संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्थापित किया है।

रेवंत रेड्डी ने बीआरएस सरकार के ख़िलाफ़ लंबे समय से मोर्चा खोले हुए थे। वह सदन से लेकर सड़क पर प्रदर्शन से केसीआर के लिए परेशानियाँ खड़ी करते रहे थे। और चुनाव के दौरान तो वह लगातार आक्रामक रहे। कांग्रेस ने 119 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 60 सीटों के बहुमत के आंकड़े को पार कर सत्तारूढ़ के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति सरकार को बाहर कर दिया।