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तेलंगाना ऑपरेशन लोटस: बीजेपी महासचिव बीएल संतोष को SIT का समन

तेलंगाना ऑपरेशन लोटस: बीजेपी महासचिव बीएल संतोष को SIT का समन

इस मामले में मुख्यमंत्री केसीआर बीजेपी पर हमलावर हुए थे और उन्होंने कुछ वीडियो जारी कर दावा किया था कि उनकी पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की गई। क्या वाकई ऑपरेशन लोटस के जरिए विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी? बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस के जरिए विपक्षी दलों की राज्य सरकारों को गिराने का आरोप लगता रहा है। 

तेलंगाना में कथित रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में तेलंगाना पुलिस ने बीजेपी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष को समन भेजा है। बीएल संतोष से कहा गया है कि वह इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के सामने 21 नवंबर को पेश हों वरना उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

इस मामले में तेलंगाना हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि पुलिस अपनी जांच को जारी रख सकती है लेकिन अदालत ने यह भी कहा था कि एक जज इसकी मॉनीटरिंग करेंगे। बीजेपी ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। 

इस बीच, बीजेपी की तेलंगाना इकाई ने हाई कोर्ट में एसआईटी के इस नोटिस के खिलाफ एक अंतरिम याचिका दायर की है। याचिका दायर करने वाले बीजेपी नेता प्रेमेंद्र रेड्डी का कहना है कि एसआईटी ऐसे लोगों का उत्पीड़न कर रही है जिनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है। 

इस मामले में मुख्यमंत्री केसीआर बीजेपी पर हमलावर हुए थे और उन्होंने कुछ वीडियो जारी कर दावा किया था कि उनकी पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की गई। उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था कि दिल्ली के दलालों ने उनकी पार्टी के 4 विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश की। जबकि बीजेपी ने कहा था कि केसीआर और बीआरएस सिर्फ राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं। 

क्या है मामला?

तेलंगाना में सरकार चला रही भारत राष्ट्र समिति ने पिछले महीने कहा था कि उसके चार विधायकों को पार्टी बदलने के लिए मोटी रकम देने की कोशिश की गई। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। साइबराबाद के पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र ने कहा था कि बीआरएस के चार विधायकों ने पुलिस को सूचना दी थी कि उन्हें अपना राजनीतिक दल बदलने के लिए रिश्वत देने की कोशिश की जा रही है। सूचना पर पुलिस ने मोइनाबाद के अजीज नगर में स्थित एक फार्म हाउस पर छापा मारा था। 

पुलिस के मुताबिक, छापे के दौरान यहां पर तीन लोग मिले जो विधायकों को लालच देने की कोशिश कर रहे थे। इन 3 लोगों में हरियाणा के फरीदाबाद के पुजारी सतीश शर्मा उर्फ रामचंद्र भारती, तिरुपति में श्रीमनाथ राजा पीठम के पुजारी सिम्हैयाजी और व्यवसायी नंदा कुमार शामिल हैं। विधायकों की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की थी और तीनों को अदालत में पेश किया था। 

पुलिस ने कहा था कि इस मामले में चारों विधायकों को अच्छी खासी रकम देने की पेशकश की गई थी। कहा गया था कि इस काम में अहम भूमिका निभाने वाले शख्स को 100 करोड़ रुपए दिए जाने थे जबकि हर विधायक को 50-50 करोड़ रुपए देने की पेशकश की गई थी। 

जिन चार विधायकों ने पुलिस से इस मामले में शिकायत की थी उनके नाम गुववाला बलाराजू, बी. हर्षवर्धन रेड्डी, रेगा कांताराव और पायलट रोहित रेड्डी हैं। जिस फार्म हाउस में रिश्वत देने की कोशिश का आरोप लगाया गया है वह विधायक रोहित रेड्डी का है।

 - Satya Hindi

खबरों के मुताबिक, रामचंद्र भारती आरएसएस का करीबी है और वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित बीजेपी के कई नेताओं के साथ दिखता रहा है। जबकि नंदा कुमार केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी का करीबी है। 

तेलंगाना में कुछ ही महीनों के भीतर विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और बीआरएस का सीधा मुकाबला इस बार बीजेपी से होना है। इसलिए इस मामले को लेकर बीआरएस ने बीजेपी पर हमला बोल दिया था और ऑपरेशन लोटस का आरोप लगाया था। 

बता दें कि ऑपरेशन लोटस को लेकर बीते दिनों दिल्ली और पंजाब की सियासत में अच्छा खासा हंगामा हो चुका है और इन राज्यों की सरकारों ने बीजेपी नेताओं पर उनकी सरकारों को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। 

उससे पहले भी बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस के जरिए विपक्षी दलों की राज्य सरकारों को गिराने का आरोप लगता रहा है। 

बताना होगा कि के. चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया था। केसीआर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजनीति में जगह तलाशना चाहते हैं। 

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