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‘कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी; सोनिया से मिलेंगे नीतीश-लालू’ 

‘कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी; सोनिया से मिलेंगे नीतीश-लालू’ 

तेजस्वी यादव का यह कहना कि लालू और नीतीश कुमार सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली आएंगे, यह निश्चित रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ने की एक कोशिश है। लेकिन क्या सभी विपक्षी दल एकजुट होंगे?

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि कांग्रेस अभी भी विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी है और दूसरे विपक्षी राजनीतिक दलों को इस बारे में व्यावहारिक होकर सोचना चाहिए। 

तेजस्वी यादव ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेश से लौटने के बाद उनसे मिलने जाएंगे। कुछ दिन पहले तेजस्वी यादव भी दिल्ली आए थे और उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। 

इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दिल्ली आकर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल समेत तमाम नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। 

तेजस्वी यादव ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा, “विपक्षी नेताओं का एक ही लक्ष्य होना चाहिए और वह है बीजेपी को हराना। बिहार से एक बेहतर शुरुआत हो चुकी है और इसे दोहराए जाने की जरूरत है। नीतीश जी कई नेताओं से मिले हैं। उन्होंने लालू यादव से बात की है, लालू जी भी इस बारे में बोल चुके हैं और मैं भी लगातार मिलता रहता हूं।”

तेजस्वी ने कहा कि आखिरकार अगले लोकसभा चुनाव पर बातचीत शुरू हो गई है जबकि बिहार में हुए घटनाक्रम से पहले ऐसा नहीं था। 

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बताना होगा कि नीतीश कुमार के एनडीए का पाला छोड़ने और विपक्ष के पाले में आने के बाद से ही 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि वह हेमंत सोरेन, नीतीश कुमार और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ एक मंच पर आकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। 

जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव उर्फ केसीआर ने एलान किया है कि वह एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का गठन करेंगे। उनकी मंशा विपक्षी नेताओं को जोड़ने की है। केसीआर पटना आकर नीतीश व तेजस्वी से मिले थे। 

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तेजस्वी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जेडीयू के एनडीए से हटने के बाद बीजेपी की ताकत कम हो चुकी है और बिहार में आरजेडी, जेडीयू, वामदलों और कांग्रेस का वोट भी 50 फीसद से ज्यादा हो चुका है। उन्होंने कहा कि बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को अब बिहार में नहीं दोहरा पाएगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को बिहार की 40 में से 39 सीटों पर जीत मिली थी। 

लालू यादव की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी ने कहा कि अगर विपक्षी दल हाथ मिला लें और एक रणनीति के तहत लड़ाई लड़ें तो बीजेपी निश्चित रूप से लोकसभा में बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएगी।

तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस को चुनावी गणित से बाहर नहीं रखा जा सकता। कांग्रेस के पास दूसरे दलों से ज्यादा सांसद हैं। दूसरे विपक्षी राजनीतिक दल अपने ही राज्यों तक सीमित हैं इसलिए सभी को प्रैक्टिकली इस बात को सोचना होगा और हालात को समझना होगा। 

तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्षेत्रीय दलों के खत्म हो जाने की बात कही थी और वह जेडीयू को तोड़ना चाहते थे। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में हुए घटनाक्रम का संदेश देश भर में गया है और इससे विपक्ष में आशा की उम्मीद जगी है। 

तेजस्वी यादव का यह कहना कि लालू और नीतीश कुमार सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली आएंगे, यह निश्चित रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ने की एक कोशिश है। 

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