आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश 4000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं। बता दें कि आंध्र प्रदेश में अप्रैल 2024 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे पहले नारा लोकेश इस पदयात्रा के जरिए तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के कार्यकर्ताओं और विशेषकर युवाओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करेंगे। यह पदयात्रा 27 जनवरी से शुरू होगी और 400 दिन तक चलेगी।
बताना होगा कि साल 2019 में वाईएसआर कांग्रेस ने टीडीपी को सत्ता से बाहर कर दिया था। तब हुए चुनाव में 175 सीटों वाली आंध्र प्रदेश की विधानसभा में वाईएसआर कांग्रेस को 151 सीटों पर जीत मिली थी जबकि एन. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी को सिर्फ 23 सीटों पर जीत मिली थी।
यह टीडीपी का बेहद खराब प्रदर्शन था क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव में उसे 102 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन 2019 में वह बुरी तरह पिछड़ गई थी।
इन दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सोशल मीडिया और टीवी पर काफी चर्चा है। यह यात्रा 3570 किलोमीटर की है और 3000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। यह यात्रा कई राज्यों से होकर गुजरी है जबकि नारा लोकेश की यात्रा सिर्फ आंध्र प्रदेश में ही रहेगी।
नारा लोकेश की पदयात्रा को युवा गालम यानी युवाओं की आवाज नाम दिया गया है। टीडीपी ने कहा है कि यह यात्रा गेम चेंजर साबित होगी और राज्य की जगन मोहन रेड्डी सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगी।
टीडीपी नेताओं का कहना है कि इस यात्रा के जरिए नारा लोकेश लोगों के बीच जाएंगे और उनकी आवाज बनेंगे।
दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी नवंबर से ही राज्य में कई जगहों पर यात्राएं निकाल रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में कहा था कि अगर लोग उनकी पार्टी को नहीं चुनते हैं तो 2024 का विधानसभा चुनाव उनके लिए अंतिम चुनाव होगा। इस तरह उन्होंने एक इमोशनल दांव खेला था।
11 एफआईआर दर्ज
नारा लोकेश ने इस साल की शुरुआत से ही जगन सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिए थे। राज्य सरकार ने पिछले कुछ महीनों में नारा लोकेश के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की हैं। यह सभी एफआईआर उनके द्वारा किए गए धरना प्रदर्शन के संबंध में दर्ज की गई हैं। नारा लोकेश ने जहरीली शराब, स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली और कथित रूप से राज्य में चल रहे जुए के अड्डों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था।
हालांकि नारा लोकेश अप्रैल 2013 में राजनीति में आ गए थे लेकिन शुरुआत में वह अपने पिता चंद्रबाबू नायडू के लिए बैक डोर से काम करते थे। साल 2017 में उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था और राज्य सरकार में आईटी और पंचायती राज मामलों का मंत्री बनाया गया था। उन्हें टीडीपी का राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया गया था। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में नारा लोकेश हार गए थे।
नारा लोकेश मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को उनकी सरकार की योजनाओं को लेकर बहस करने की चुनौती भी देते हैं। वह दावा करते हैं कि वह जगन सरकार के झूठ की पोल खोल देंगे। टीडीपी को ऐसी उम्मीद है कि इस पदयात्रा से पार्टी और मजबूत होगी और इसका फायदा उसे 2024 के विधानसभा चुनाव में मिलेगा।
लोग इस पदयात्रा में शामिल हो सकें इसके लिए पार्टी की ओर से एक नंबर भी जारी किया गया है। साथ ही एक वेबसाइट भी बनाई गई है। देखना होगा कि नारा लोकेश क्या 2024 के विधानसभा चुनाव में टीडीपी को फिर से सत्ता में ला पाएंगे?