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आखिर महाराष्ट्र से गुजरात क्यों जा रहे हैं बड़े प्रोजेक्ट्स?

आखिर महाराष्ट्र से गुजरात क्यों जा रहे हैं बड़े प्रोजेक्ट्स?

आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया है कि क्या बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार इस बात का जवाब देगी कि क्यों इतने सारे प्रोजेक्ट्स राज्य से बाहर जा रहे हैं? 

महाराष्ट्र की बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार एक बार फिर विपक्षी दलों एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के निशाने पर है। इस बार इसकी वजह यह है कि एक और बड़ा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात चला गया है। यह प्रोजेक्ट टाटा-एयरबस का है और इसका प्लांट अब गुजरात के वडोदरा में लगेगा। 

यह प्रोजेक्ट 22 हजार करोड़ का है और इसके तहत C295 विमान बनाये जाने हैं। ऐसा पहली बार होगा जब निजी कंपनियां भारत में सैन्य विमान बनाएंगी। C295 को नागरिक और सैन्य उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। 

इस प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात जाने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि वह जुलाई से ही इस बारे में आवाज उठा रहे थे। आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया है कि क्या महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री चार प्रोजेक्ट्स के राज्य से बाहर जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे?

 - Satya Hindi

पत्रकारों से बातचीत में आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया है कि क्या बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार इस बात का जवाब देगी कि क्यों इतने सारे प्रोजेक्ट्स राज्य से बाहर जा रहे हैं? 

उद्धव ठाकरे गुट की नेता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि पहले वेदांता फॉक्सकॉन, फिर मेडिकल डिवाइस पार्क उसके बाद बल्क ड्रग्स पार्क और अब टाटा-एयरबेस का प्रोजेक्ट भी महाराष्ट्र से बाहर चला गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि इसके लिए 50 खोखे की सरकार को धन्यवाद क्योंकि वह 50 खोखे गिनने में और दिल्ली दरबार की जी हुजूरी में लगी है। 

पिछले महीने ही एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायक और उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा था कि टाटा-एयरबस एयरक्राफ्ट का प्रोजेक्ट नागपुर के नजदीक विदर्भ में लगेगा। लेकिन अब यह प्रोजेक्ट गुजरात के वडोदरा में जा रहा है। 

खोखे सरकार का तंज 

बताना होगा कि जून में शिवसेना में हुई बगावत के बाद एकनाथ शिंदे समर्थक विधायकों ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी। उसके बाद शिवसेना में उद्धव ठाकरे गुट के समर्थक विधायक बीजेपी-एकनाथ शिंदे की सरकार को खोखे की सरकार कहते हैं । खोखा शब्द एक करोड़ रुपये के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 

महाविकास अघाडी में शामिल एनसीपी ने भी टाटा-एयरबेस प्रोजेक्ट के गुजरात जाने को लेकर बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार को निशाने पर लिया है।

एनसीपी के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा है कि वेदांता फॉक्सकॉन के गुजरात जाने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि टाटा-एयरबेस का प्रोजेक्ट नागपुर में आएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

निश्चित रूप से देश में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और जब एक के बाद एक इतने बड़े प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात जा रहे हैं तो विपक्षी दलों के साथ ही आम लोग भी इस सवाल को उठा रहे हैं कि उनके राज्य के युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा। उन्हें रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ेगा जबकि अगर राज्य सरकार जोर लगाती तो यह सभी उद्योग महाराष्ट्र में लग सकते थे। 

यहां सवाल यह उठता है कि बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार इन सारे प्रोजेक्ट्स को गुजरात जाने से रोकने में आखिर फेल क्यों साबित हो रही है? बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार में निश्चित रूप से बीजेपी एक बड़े पार्टनर की भूमिका में है लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री को विपक्ष के इन सवालों का जवाब देना होगा कि वह आखिर तमाम बड़े प्रोजेक्ट्स को गुजरात जाने से क्यों नहीं रोक पा रहे हैं? 

गुजरात में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात से ही आते हैं। 

सवाल यह भी है कि क्या गुजरात में विधानसभा के चुनाव को देखते हुए इन प्रोजेक्ट्स को एक के बाद एक करके वहां ले जाया जा रहा है।

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