वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक वीडियो लीक के बाद हंगामा मच गया है। दरअसल, यह वीडियो लीक एक उद्यमी और रेस्तरां के मालिक द्वारा निर्मला सीतारमण से माफी मांगे जाने को लेकर है। माफी भी किसलिए? सिर्फ़ सवाल पूछने के लिए। वह भी जीएसटी के कथित अंतर्विरोधों पर था। ये भी कोई बात हुई!
यह लीक हुआ वीडियो वायरल हो गया। कांग्रेस ने इसको मुद्दा बना दिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। बीजेपी नेता अब पार्टी की तरफ़ से माफी मांग रहे हैं। और सोशल मीडिया निर्मला सीतारमण और बीजेपी पर घमंड में होने का आरोप लगा रहा है। वैसे, यही आरोप तो राहुल गांधी ने भी लगाया है। उन्होंने कहा, 'जब एक छोटे व्यवसाय के मालिक, जैसे कि कोयंबटूर में अन्नापूर्णा रेस्तरां, हमारे लोक सेवकों से एक सरलीकृत जीएसटी शासन के लिए पूछते हैं, तो उनके अनुरोध को अहंकार और सीधे तिरस्कार मिलता है। फिर, जब एक अरबपति मित्र नियमों को मोड़ने, कानूनों को बदलने, या राष्ट्रीय संपत्ति पाने का प्रयास करता है, तो मोदी जी ने रेड कार्पेट को बिछा दिया।'
निर्मला सीतारमण के इस वायरल वीडियो पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा है और बीजेपी ने क्या सफाई दी है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर पूरा मामला क्या है।
यह घटना कोयंबटूर जिले में वित्त मंत्री के साथ व्यापार मालिकों की बैठक के दौरान हुई। बैठक के दौरान तमिलनाडु में एक लोकप्रिय श्रृंखला श्री अन्नापूर्णा रेस्तरां के अध्यक्ष श्रीनिवासन ने खाद्य पदार्थों पर अलग अलग जीएसटी दरों के कारण रेस्तरां मालिकों के सामने आने वाली चुनौतियों को रखा। उन्होंने कहा कि क्रीम से भरे बन्स पर 18% कर लगाया जाता है, जबकि बन्स पर कोई जीएसटी नहीं है।
श्रीनिवासन ने कहा, "मिठाई पर 5% जीएसटी है, लेकिन सेवरीज़ पर 12% है। क्रीम से भरे बन्स पर 18% जीएसटी है, जबकि बन्स पर कोई जीएसटी नहीं है। ग्राहक अक्सर शिकायत करते हैं, 'बस मुझे बन दो, मैं क्रीम और जाम खुद लगा लूँगा'।" इस पर बैठक में अन्य उद्यमी हँस पड़ते हैं।
बाद में एक निजी बातचीत के दौरान श्रीनिवासन ने कोयंबटूर दक्षिण विधायक वानथी श्रीनिवासन की उपस्थिति में अपनी टिप्पणी के लिए सीतारमण से माफी मांगी। उन्होंने कहा, 'कृपया मुझे अपनी टिप्पणियों के लिए क्षमा करें। मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंधित नहीं हूं।' इसी बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
बातचीत का यह वीडियो एक्स पर भाजपा के तमिलनाडु सोशल मीडिया सेल स्टेट के संयोजक द्वारा साझा किया गया था। कई यूज़रों ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि रेस्तरां के मालिक को केंद्रीय मंत्री से माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया था।
राजनीतिक टिप्पणीकार सुमंत सी रमन ने ट्वीट कर कहा, 'आप इस वीडियो को शूट क्यों करेंग और इस वीडियो को जारी करेंगे? एक प्रसिद्ध व्यवसायी व्यक्ति के अपमान को दिखाने के लिए सिर्फ इसलिए कि उसने एक वैध प्रश्न पूछा? इसे कोंगू क्षेत्र में लोग ठीक से नहीं लेंगे। वास्तव में, राज्य में कहीं भी ठीक से नहीं लेंगे। यदि उन्होंने माफी मांगी है तो यह निजी तौर पर किया जाना चाहिए। ज़्यादा से ज़्यादा बयान जारी कर दिया जाना चाहिए था।'
इसके बाद बीजेपी की ओर से माफी मांगी गई। तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा, 'तमिलनाडु बीजेपी की ओर से मैं अपने पदाधिकारियों के कारनामों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं, जिन्होंने एक सम्मानित व्यवसायी और हमारे माननीय वित्त मंत्री के बीच एक निजी बातचीत को साझा किया। मैंने अन्नपूर्णा रेस्तरां श्रृंखला के सम्मानित मालिक थिरु श्रीनिवासन अवल से बात की, ताकि गोपनीयता के इस अनजाने उल्लंघन के लिए खेद व्यक्त किया जा सके। अन्नपूर्णा श्रीनिवासन अन्ना तमिलनाडु के व्यापारिक समुदाय का एक स्तंभ हैं, जो राज्य और देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे इस मामले को उचित सम्मान के साथ खत्म करें।'
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'एक बड़ा चिंतित करने वाला वीडियो सामने आया है। ये उस दिन का वीडियो है, जब बीजेपी कोयंबटूर में मेंबरशिप ड्राइव चला रही थी और लोगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात करने के लिए आमंत्रित किया गया था। उनमें से एक श्री अन्नपूर्णा स्वीट्स के मालिक श्रीनिवासन जी थे, जिन्होंने GST से जुड़ी अपनी परेशानी बताई।' कांग्रेस नेता ने कहा कि श्रीनिवासन ने जीएसटी को थोड़ा सरल करने के लिए सवाल क्या पूछ लिया, 24 घंटे के अंदर निर्मला के सामने बुलाकर माफी मंगवाई गई।
श्रीनेत ने कहा, 'बीजेपी सरकार ने छोटे-लघु-मध्यम उद्योगों की कमर तोड़ दी है। ये वही उद्योग हैं, जिनके ऊपर आपने नोटबंदी और गलत जीएसटी का कहर बरसाया है। लेकिन अडानी जैसे बड़े उद्दोगपतियों की जी हुजूरी में खड़े रहते हैं। अडानी जी को 10 कंपनियां खरीदनी थी, पर सरकारी बैंकों में उनका 67 हजार करोड़ रुपए बकाया था। बैंकों ने उन्हें डिस्काउंट दिया और 16 हजार करोड़ रुपए से भी कम में डील कर दी गई। इस देश के बैंको को 74% का नुकसान झेलना पड़ा।'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'इस देश के बड़े कॉर्पोरेट्स का टैक्स 22% कर दिया गया, लेकिन आपका 30% बना हुआ है। इस देश में इनकम टैक्स कलेक्शन, कॉर्पोरेट टैक्स से कम रहता है, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उसे भी खत्म कर दिया। इस साल करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए इनकम टैक्स जमा हुआ है, तो वहीं 2.1 लाख करोड़ रुपए कॉर्पोरेट टैक्स आया है। जो इनकम टैक्स डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का 21% होता था, वो 28% हो गया है। वहीं, डॉ. मनमोहन सिंह जी के जमाने में जो कॉर्पोरेट टैक्स पूरे डायरेक्ट टैक्स का 35% होता था, वो 26% हो गया है। इस देश के सबसे गरीब लोग 64% जीएसटी अदा कर रहे हैं।'