तमिलनाडु में बाप-बेटे की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत के मामले में सीबीसीआईडी ने साथनकुलम पुलिस स्टेशन के छह अफ़सरों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया है। एक सब इंस्पेक्टर रघु गणेश को गिरफ़्तार भी किया गया है।
जिन पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है, उनमें दो एसआई - रघु गणेश और बालाकृष्णन, दो कांस्टेबल और फ्रेंड्स ऑफ पुलिस के दो सदस्य शामिल हैं। दोनों सब इंस्पेक्टर के ख़िलाफ़ हत्या की धारा 302 भी लगाई गई है।
इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि इसमें तीन पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला बनता है। कोर्ट ने बाप-बेटे (पी. जेयाराज और जे. बेनिक्स) की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर यह टिप्पणी की थी।
बाप-बेटे की दर्दनाक मौत के मामले को लेकर तमिलनाडु में ही नहीं, भारत भर में लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। दोनों की साथनकुलम पुलिस स्टेशन में कथित रूप से पुलिस हिरासत में 22 जून को मौत हो गई थी।
गुंडागर्दी पर उतारू पुलिस
इस मामले में पुलिसिया गुंडागर्दी की एक और तसवीर सामने आई है। मद्रास हाई कोर्ट द्वारा इस मामले की जांच के लिए नियुक्त किए गए मजिस्ट्रेट भारतीदसान ने अदालत को लिखे गए शिकायती नोट में कहा है कि साथनकुलम पुलिस स्टेशन के अफ़सरों ने मामले से जुड़े सुबूत ख़त्म कर दिए हैं। इसके अलावा ये लोग जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और इन्होंने जांच कर रही टीम को धमकाने की कोशिश भी की है।भारतीदसान ने अदालत से कहा है कि पुलिसकर्मियों के विरोध के कारण उन्हें और उनकी टीम को रविवार आधी रात को जांच को बीच में ही छोड़ना पड़ा और साथनकुलम पुलिस स्टेशन से बाहर निकलना पड़ा।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, मजिस्ट्रेट ने कहा है कि जब न्यायिक टीम ने डेली रजिस्टर और कुछ अन्य डॉक्यूमेंट्स मांगे तो एएसपी डी. कुमार और डीएसपी प्रथापन ने उनकी टीम में शामिल सहयोगियों को गालियां दीं और धमकाने की कोशिश की।