चुनावी राज्य तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईएडीएमके) गठबंधन ने सीटों का बंटवारा कर दिया है। बंटवारे में बीजेपी को इस बार 20 सीट दी गई हैं जबकि गठबंधन में शामिल एक और दल पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) को 23 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा कन्याकुमारी सीट भी बीजेपी के खाते में गई है। इस सीट पर लोकसभा का उपचुनाव होना है। कांग्रेस सांसद वसंत कुमार के निधन से यह सीट खाली हुई है। तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं।
सीट बंटवारे की घोषणा शुक्रवार देर रात को मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ई. पलानिस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी सीटी रवि और प्रदेश अध्यक्ष एल. मुरूगन ने की। एआईएडीएमके को अभी विजयकांत की पार्टी डीएमडीके को भी सीटें देनी हैं।
इससे पहले शुक्रवार को एआईएडीएमके ने छह उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। सूची के मुताबिक़, मुख्यमंत्री ई. पलानिस्वामी ईडाप्पडी सीट से चुनाव लड़ेंगे जबकि पन्नीरसेल्वम बोडिनयाकनूर सीट से चुनाव लड़ेंगे।
एआईएडीएमके-डीएमके में मुक़ाबला
तमिलनाडु में टक्कर एआईएडीएमके और डीएमके के बीच ही रही है और इस बार भी इनके बीच ही होनी है। 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके को 135 और डीएमके को 88 सीटें मिली थीं।
पलानिस्वामी बनाम स्टालिन हुआ चुनाव
तमिलनाडु में 6 अप्रैल को एक ही चरण में वोटिंग होगी और बाक़ी राज्यों के साथ ही 2 मई को चुनाव नतीजे आएंगे। तमिलनाडु में इस बार का विधानसभा चुनाव पिछले चुनावों से पूरी तरह अलग है। वह इसलिए क्योंकि राज्य की या दक्षिण की राजनीति के दो बड़े दिग्गज इस बार चुनाव में नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों जयललिता और करूणानिधि का देहांत हो चुका है और इनकी जगह इस बार क्रमश: मुख्यमंत्री ई. पलानिस्वामी (ईपीएस) और स्टालिन आमने-सामने हैं। पलानिस्वामी एआईएडीएमके तो स्टालिन डीएमके की चुनावी कमान संभाल रहे हैं।
शशिकला के एलान से राहत
एआईएडीएमके को जयललिता की क़रीबी रहीं शशिकला के राजनीति से संन्यास लेने के एलान से काफी राहत मिली है। जबकि उससे पहले शशिकला ने कहा था कि वे चुनावी तैयारियों के लिए जल्द ही लोगों के बीच में जाएंगी। शशिकला ने कहा था कि एआईएडीएमके और उनके भतीजे दिनाकरन की पार्टी अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) को मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। शशिकला के एएमएमके के लिए प्रचार करने पर एआईएडीएमके को ज़रूर नुक़सान होता।
राहुल-स्टालिन के बीच हुई बात
तमिलनाडु में दूसरी ओर डीएमके के साथ कांग्रेस, एमडीएमके, वीसीके और कुछ अन्य दल हैं। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी और एमके स्टालिन के बीच फ़ोन पर हुई बातचीत के बाद डीएमके और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। सूत्रों के मुताबिक़, कांग्रेस 34 सीटें मांग रही थीं लेकिन डीएमके उसे 20 सीटें देने के लिए तैयार है। हालांकि कांग्रेस नेताओं को बंटवारे में 24 सीटें मिलने की उम्मीद है। सीपीआई को 6 सीटें दी गई हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु की 39 में से 38 सीटों पर डीएमके और उसकी सहयोगी पार्टियों ने जीत दर्ज की थी। इस बड़ी जीत के बाद से ही डीएमके प्रमुख स्टालिन ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थीं और वह लगातार ईपीएस सरकार को घेरते रहे। स्टालिन ने चुनाव में एआईएडीएमके सरकार के भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाया है। स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन भी चुनाव में खासे सक्रिय हैं।