तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चेन्नई में एक कार्यक्रम में मंच साझा करते हुए तमिल को हिंदी के समान आधिकारिक भाषा बनाने का आग्रह किया। स्टालिन ने उच्च न्यायालय और केंद्र सरकार के कार्यालयों में तमिल को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली परीक्षा एनईईटी (नीट) से छूट देने की मांग की। इसके अलावा सीएम ने राज्य को जीएसटी बकाया जारी करने सहित राज्य की ओर से प्रमुख मांगों की सूची रखी।
तमिल भाषा और एनईईटी का प्रधानमंत्री के सामने ज़िक्र करने का एक ख़ास अर्थ है। ऐसा इसलिए कि बीजेपी पूरे देश में हिंदी पर जोर देती रही है। इसको लेकर दक्षिण के राज्यों में विवाद भी रहा है। हाल में यह विवाद तब उठा था जब अमित शाह ने 7 अप्रैल को नई दिल्ली में संसदीय राजभाषा समिति की बैठक में कहा था कि सभी पूर्वोत्तर राज्य 10वीं कक्षा तक के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने पर सहमत हो गए हैं। इसके साथ ही गृह मंत्री ने कहा था कि जब अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग बात करें तो अंग्रेजी छोड़कर हिंदी में ही बात करें।
अमित शाह के बयान पर उत्तर पूर्व से तो प्रतिक्रिया हुई ही थी, तमिलनाडु बीजेपी के नेता ने भी अपनी राय रखी थी। तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि तमिलनाडु बीजेपी हिंदी थोपे जाने को स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि 1965 में कांग्रेस ने एक क़ानून लाया कि हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए, और 1986 में दूसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से एक बार फिर हिंदी थोपने का प्रयास किया गया।
अन्नामलाई ने कहा था, 'इसका उपयोग करके एक 45 साल पुराना भ्रम पैदा किया गया था और बीजेपी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति में प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी थोपने की अनुमति नहीं दी थी और इसे एक वैकल्पिक भाषा में बदल दिया गया।'
एनईईटी को लेकर भी तमिलनाडु में तीखी प्रतिक्रिया होती रही है। मेडिकल प्रवेश को लेकर तमिलनाडु में मांग की जाती रही है कि राज्य को एनईईटी से छूट दी जाए, लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।
बहरहाल, प्रधानमंत्री का अभिवादन करते हुए स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु समावेशी विकास, समानता और महिला सशक्तिकरण वाला एक राज्य है और इसे उन्होंने 'द्रविड़ मॉडल' क़रार दिया।
चेन्नई में बड़े पैमाने पर रोड शो करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31,500 करोड़ रुपये से अधिक की 11 परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम पहुँचे। हवाई अड्डे पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, अन्नाद्रमुक के समन्वयक और पूर्व मुख्यमंत्री एडापड्डी के पलानीस्वामी, केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन, द्रमुक मंत्री केएन नेहरू, दुरई मुरुगन और राज्य के डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले पूरे शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने एक बयान में कहा कि उन्होंने पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है और आयोजन के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए कम से कम 22,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया।