इसलामिक संस्था तबलीगी जमात के निज़ामुद्दीन स्थित मुख्यालय में रुके 18 और लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आया है। सोमवार को तबलीगी जमात के 85 धार्मिक उपदेशकों को लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिनमें से 6 लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। इसके बाद इन लोगों को हरियाणा के झज्जर स्थित एम्स अस्पताल में शिफ़्ट कर दिया गया था। इस तरह अब तक यहां रुके 24 लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आ चुका है।
यहां 13-15 मार्च तक बड़े धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। बताया गया है कि इसमें 2000 लोग शामिल हुए थे। पॉजिटिव पाये गये सभी लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। भारत के अलग-अलग राज्यों सहित विदेशों से भी लोग इसमें शामिल हुए थे।
सरकार ने एहतियाती क़दम उठाते हुए निज़ामुद्दीन इलाक़े को खाली करा लिया है। मंगलवार को यहां से 1034 लोगों को निकाला गया। इनमें से 334 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि 700 लोगों को क्वरेंटीन सेंटर्स में भेज दिया गया है। इस मुद्दे पर मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने बैठक ली। इसमें दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
इसलामिक संस्था तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए 10 लोगों की अब तक कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है। मरने वाले लोगों में से 9 भारतीय थे और एक विदेशी नागरिक था। भारतीयों में से 6 तेलंगाना के थे और 1-1 शख़्स तमिलनाडु, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर का था।
इस कार्यक्रम में शामिल हुए 19 विदेशी नागरिकों का भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। यह मामला सामने आने के बाद जमात के मुख्यालय को सील कर दिया गया है।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद ये लोग अपने राज्यों और देशों को लौट गये। ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण का ख़तरा बहुत ज़्यादा बढ़ गया है। एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई से 10 लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने आये थे। इस दल में एक व्यक्ति फिलीपींस का नागरिक था और अब उसकी मौत हो चुकी है। टीओआई के मुताबिक़, एक अधिकारी ने कहा कि तबलीगी जमात के सभी विदेशी सदस्यों की पहचान कर ली गयी है और वे भारत में जहां-जहां रुके हैं, सभी राज्यों के डीजीपी को उन पर नज़र रखने के लिये कहा गया है।