बीजेपी ने क्यों डिलीट किया शुभेंदु का रिश्वत लेने वाला वीडियो?
बीजेपी के बारे में कहा जाता है कि वह राजनीति की वाशिंग मशीन है। यानी किसी राजनेता पर चाहे कितने ही दाग लगे हों, वो बीजेपी में आते ही धुलकर स्वच्छ हो जाता है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय से लेकर ऐसे कई नेता हैं, जिन पर बीजेपी नेता भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे लेकिन जब ये नेता पार्टी में शामिल हो गए तो इन्हें पवित्र होने का सर्टिफ़िकेट दे दिया गया।
ताज़ा मामला बीते एक महीने से चर्चा का केंद्र बने शुभेंदु अधिकारी का है। शुभेंदु ममता बनर्जी की सरकार में परिवहन मंत्री थे, ममता के क़रीबी थे और टीएमसी में उनका बड़ा क़द था। लेकिन अब उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
शुभेंदु के बीजेपी में शामिल होने के मौक़े पर आयोजित रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि टीएमसी सहित विपक्षी दलों से सभी ‘अच्छे-अच्छे’ लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। लेकिन बीजेपी शायद इन ‘अच्छे’ लोगों का एक पुराना वीडियो अपने यू ट्यूब चैनल से हटाना भूल गयी।
हुआ यूं था कि कुछ साल पहले नारद टीवी के द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी को रिश्वत लेते हुए दिखाया गया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ासा वायरल हुआ था। तब ये दोनों नेता टीएमसी में ही थे। मुकुल रॉय तो कुछ साल पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे लेकिन अब जब शुभेंदु भी शामिल हो गए तो फिर से उस स्टिंग ऑपरेशन पर चर्चा शुरू हुई।
जैसे ही सोशल मीडिया पर यह चर्चा शुरू हुई, बीजेपी ने तुरंत पश्चिम बंगाल के अपने आधिकारिक यू ट्यूब चैनल से स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो को हटा दिया।
जाने-माने यू ट्यूबर ध्रुव राठी ने उस वीडियो के स्क्रीनशॉट को ट्वीट किया है।
4 years ago, BJP had posted sting operation of these two politicians caught taking bribes.
— Dhruv Rathee 🇮🇳 (@dhruv_rathee) December 20, 2020
Both Mukul Roy and Suvendhu Adhikari have now joined BJP happily. pic.twitter.com/RumeIigGp0
इस स्टिंग ऑपरेशन में मुकुल रॉय, शुभेंदु के साथ ही टीएमसी के 11 नेता रिश्वत लेते दिखाए गए थे। तब बीजेपी ने मुकुल रॉय के इस्तीफ़े को लेकर पूरा बंगाल सिर पर उठा लिया था। रॉय तब टीएमसी के टिकट पर सांसद थे।
इस मामले की जांच में जुटीं ईडी और सीबीआई जैसी नामी-गिरामी जांच एजेंसियां भी अब तक कुछ हासिल नहीं कर सकीं। जिस तरह मुकुल रॉय बीजेपी में चले गए और उनके ख़िलाफ़ जांच एजेंसियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, उसी तरह शायद शुभेंदु के ख़िलाफ़ भी कोई कार्रवाई नहीं होगी।