पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को निधन हो गया है। वह 67 वर्ष की थीं। बुधवार दोपहर को 12 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी दफ़्तर में रखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुषमा स्वराज के निधन पर गहरा दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'भारतीय राजनीति का एक सुनहरा अध्याय ख़त्म हो गया। पूरा देश उनके निधन पर दुखी है, वह एक ऐसी नेता थीं जिन्होंने जन सेवा और ग़रीबों का जीवन बेहतर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनके निधन पर भारत दुखी है। सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की इकलौती नेता थीं, वह करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत थीं।'
कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने ट्वीट कर कहा, ‘सुषमा स्वराज के निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है। वह एक असाधारण राजनेता, कुशल वक्ता थीं। दुख की इस घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’
मौत से कुछ घंटे पहले ही सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाये जाने पर बधाई दी थी। उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में लिखा था, ‘प्रधानमंत्री जी- आपका हार्दिक अभिनन्दन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।’ तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि इस ट्वीट के कुछ ही घंटे बाद वह हमें छोड़कर चली जाएँगी।
विदेश मंत्री रहते हुए वह तत्काल ट्विटर पर लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका समाधान करती थीं। वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। सुषमा बीजेपी की प्रखर वक्ता थीं और उन्होंने राजनीति में एक लंबा सफर तय किया था। सुषमा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रही थीं। 16वीं लोकसभा में वह मध्य प्रदेश के विदिशा से सांसद चुनी गई थीं। लेकिन इस बार ख़राब स्वास्थ्य के चलते उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था।