सनी देओल के बंगले का नीलामी नोटिस वापस, कांग्रेस का सवाल
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने "तकनीकी कारणों" का हवाला देते हुए सोमवार को अभिनेता सनी देओल के मुंबई के जुहू स्थित बंगले की ई-नीलामी पर अपना नोटिस वापस ले लिया। अभिनेता कथित तौर पर 56 करोड़ रुपये का ऋण चुकाने में विफल रहे, इसलिए बैंक ने नोटिस अखबार में छपवा दिया था।
बैंक ने अखबार में सोमवार को जारी शुद्धिपत्र में लिखा- "श्री अजय सिंह देयोल उर्फ़ श्री सनी देयोल के संबंध में बिक्री नोटिस तकनीकी कारणों से वापस ले लिया गया है।" बैंक ऑफ बड़ौदा ने नीलामी का नोटिस रविवार को अखबार में छपवाया था।
बैंक ने रविवार को जो बिक्री पूर्व नोटिस छपवाया था, उसमें लिखा था- बैंक को गांधी ग्राम रोड स्थित सनी विला की नीलामी करनी थी, ताकि अभिनेता पर पिछले साल 26 दिसंबर से ब्याज और लागत के साथ ऋणदाता का बकाया 55.99 करोड़ रुपये की राशि की वसूली की जा सके।
कांग्रेस ने बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा कथित तौर पर सनी देओल के जुहू बंगले के लिए ई-नीलामी नोटिस वापस लेने पर सोमवार को सवाल उठाया और पूछा कि इसे वापस लेने के लिए "तकनीकी कारणों" को किसने ट्रिगर किया।
Yesterday afternoon the nation got to know that Bank of Baroda had put up the Juhu residence of BJP MP Sunny Deol for e-auction since he has not paid up Rs 56 crore owed to the Bank.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 21, 2023
This morning, in less than 24 hours, the nation has got to know that the Bank of Baroda has…
ट्विटर (नया नाम एक्स) पर एक पोस्ट में, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “कल (रविवार) दोपहर को देश को पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने भाजपा सांसद सनी देओल के जुहू आवास को ई-नीलामी करने का फैसला किया है क्योंकि उन्होंने बकाया लोन का भुगतान नहीं किया है। बैंक का सनी देओल पर 56 करोड़ रुपये बकाया है। लेकिन सोमवार सुबह, 24 घंटे से भी कम समय में, देश को पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने 'तकनीकी कारणों' से नीलामी नोटिस वापस ले लिया है। आश्चर्य है कि इन 'तकनीकी कारणों' को किसने ट्रिगर किया?"
यहां यह बताना जरूरी है कि ई-नीलामी नोटिस वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के तहत देना आवश्यक है। इसे नीलामी के 30 दिनों पहले देना होता है। यह प्रक्रिया आसान नहीं है। बैंक में लोन की पूरी फाइल घूमती है और तब जाकर लोन लेने के बदले रखी गई संपत्ति की नीलामी का फैसला लिया जाता है। यानी बैंक ऑफ बड़ौदा जिस तकनीकी गलती का हवाला दे रहा है, वो गहन जांच का विषय है।
सनी देओल के मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की जोनल स्ट्रेस्ड एसेट रिकवरी शाखा ने आम जनता के लिए जारी किए गए नोटिस में कहा था कि सनी देओल का बंगला बैंक के पास गिरवी रखा गया था, जिसका कब्ज़ा अधिकृत बैंक अधिकारी ने ले लिया था। इसमें कहा गया है कि बकाए की वसूली के लिए बंगले को ''जैसा है'' यानी उसी रूप में बेच दिया जाएगा।
गिरवी रखी गई संपत्तियों में सनी विला के नीचे 599.44 वर्ग मीटर की भूमि के सभी टुकड़े शामिल हैं। लोन के गारंटरों में अजय सिंह देयोल उर्फ सनी देयोल और विजय सिंह धर्मेंद्र देयोल शामिल थे। धर्मेंद्र उनके पिता हैं।