सुल्ली डील्स-बुली बाई के आरोपियों को बेल, सोशल मीडिया उबला
दिल्ली की लोकल कोर्ट ने विवादास्पद 'सुल्ली डील्स' ऐप बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर और 'बुली बाई' मामले के आरोपी नीरज बिश्नोई को जमानत दे दी है। सोशल मीडिया पर इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। अदालत ने जमानत देने के अपने कारणों का हवाला देते हुए कहा कि आरोपियों के नाम पहली बार अपराध की सूची में आए। अगर उन्हें लगातार जेल में रखा गया तो उन्हें सुधरने का मौका नहीं मिलेगा। आरोपियों ने जिन महिलाओं को टारगेट किया था, उनमें कई जानी-मानी पत्रकार भी थीं। इसी तरह अन्य क्षेत्रों की सोशल एक्टिविस्टों को भी आरोपियों ने टारगेट किया था। हालांकि दिल्ली के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों को जमानत देने की पहली वजह यह थी कि आरोपियों के फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के नतीजे अभी नहीं आए हैं। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ सबूतों पर भरोसा किया था और जांच में कोई कमी नहीं बताई गई थी।
जमानत आदेश देते हुए अदालत ने कहा कि वह आरोपियों पर सख्त प्रतिबंध लगा रही है कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को धमकाएं नहीं।आरोपियों को आदेश दिया गया है कि वे मामले में किसी गवाह से संपर्क न करें या प्रभावित न करें। उन्हें यह भी कहा गया कि वे अपने मोबाइल फोन को हर समय चालू रखें और जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा पूछे जाने पर अपना वर्तमान स्थान बताएं।
In India, men can create a fake 'auction' to 'sell' & insult women from a minority community & still get away with it if they are 'first time offenders'. This lack of accountability in a tone-deaf system can lead to more such insults towards Muslim women. #SulliDeals #BulliBai https://t.co/jO1DfcLgh1
— Kanishka Raj Singh (@Kanishka183) March 29, 2022
अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं है। जब भी अदालत उन्हें पेश होने का आदेश देगी तो उन्हें पेश होना होगा।
दिल्ली पुलिस ने इस साल 6 जनवरी को असम से बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले बिश्नोई की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया गया। यह ऐप 1 जनवरी को सार्वजनिक हुई थी।
Aumkareshwar Thakur, who created #SulliDeals got bail.
— Deeksha Nitin Raut (@DeekshaNRaut) March 29, 2022
Judge argued that accused is a first time offender and prolonged incarceration would be detrimental to his overall well being.
Then why is UMAR KHALID still in Jail???
दूसरी ओर, ठाकुर को 9 जनवरी को इंदौर में सुल्ली डील्स ऐप बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जुलाई 2021 में, कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें टेक्स्ट के साथ ऐप पर अपलोड की गईं थीं। उसका शीर्षक था- डील ऑफ द डे।
बहरहाल, सोशल मीडिया पर इन दोनों की जमानत पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोगों ने कहा कि इनका अपराध कोई छोटा नहीं था, जो इन्हें जमानत दी गई। इसके मुकाबले इनसे कई गुना कम अपराध करने वालों को जमानत नहीं मिलती।
India: Man behind the #SulliDeals app ‘online auction’ of Muslim women has been granted bail by a Delhi court.
— Zeba Warsi (@Zebaism) March 29, 2022
Court said he’s a ‘first time offender’ and ‘a young person’ so prolonged incarceration isn’t good.
Do young pro-democracy activists get any such consideration?
कुछ लोगों ने लिखा है कि क्या इन पर यूएपीए कानून लागू नहीं होना चाहिए था। अदालत के जमानत आदेश पर महिलाएं ज्यादा मुखर हैं। उनका कहना है कि दोनों ने महिलाओं को टारगेट किया था। यह भूल जाइए कि सिर्फ मुस्लिम महिलाएं टारगेट की गई थीं। यह बहुत गंभीर अपराध है, जिस बहुत हल्के तरीके से लिया गया है। हालांकि आरोपियों का कुछ लोग समर्थन भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन्हें सुधरने का मौका देकर अदालत ने कुछ गलत नहीं किया। हो सकता है कि इन लोगों के पीछे कोई और हो, जिसने इनसे इस तरह की गतिविधि कराई हो। ऐसे में ये लोग निर्दोष माने जाएंगे।