गोवा सरकार ने एक अच्छा काम किया है। उसने पणजी में महान फुटबॉल खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनॉल्डो का स्टैच्यू लगवाया है।
इस स्टैच्यू का वजन 410 किलोग्राम है। इस पर 12 लाख रुपये का खर्च आया है।
हालांकि ये स्टैच्यू तीन साल से बन रहा था लेकिन बीच में कोविड19 की दूसरी लहर आने पर काम रुक गया था।
भारत में तमाम तरह के लोगों के स्टैच्यू हैं लेकिन किसी इंटरनैशनल खिलाड़ी को यह सम्मान पहली बार मिला है।
गोवा में फुटबॉल बहुत लोकप्रिय हैं। युवा और किशोर इस स्टैच्यू के लगने से बहुत खुश नजर आ रहे हैं।
उन्हें वहां स्टैच्यू के पास सेल्फी लेते देखा जा सकता है। ये लोग सोशल मीडिया पर फोटो को शेयर भी कर रहे हैं।
क्या कहते हैं मंत्री लोबो
गोवा के मंत्री माइकल लोबो भी खुद को रोक नहीं पाए और स्टैच्यू के साथ फोटो खिंचवाई।
लोबो ने कहा कि सरकार यह स्टैच्यू युवाओं के मद्देनजर ही लगवाया है। इससे गोवा में ही नहीं देशभर में फुटबॉल की लोकप्रियता और बढ़ेगी।
मंत्री लोबो ने कहा कि जो लोग स्टैच्यू लगाने का विरोध कर रहे हैं, वे खेल विरोधी लोग हैं। इससे युवक-युवतियों को प्रेरणा मिलेगी। इससे अच्छा और क्या हो सकता था।
“
गोवा में इस स्टैच्यू लगाने का विरोध कतिपय लोग इसलिए कर रहे हैं कि इस फिजूलखर्ची की बजाय खेल का इन्फ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करने पर पैसा खर्च किया जाना चाहिए था।
स्टैच्यू लगाने की खास वजह
गोवा में जल्द चुनाव होने वाले हैं। चूंकि गोवा की पहली पसंद फुटबॉल और रोनॉल्डो हैं, इसलिए इसे चुनाव से भी जोड़ा जा सकता है। एक तरह से यह गोवा के युवा मतदाताओं को प्रभावित करने की भी कोशिश हो सकती है।
पणजी में इस रोनॉल्डो का स्टैच्यू लगाने की खास वजह ये है कि गोवा पर लंबे समय तक पुर्तगाली लोगों का कब्जा रहा है। गोवा के जनजीवन पर पुर्तगाल का जबरदस्त प्रभाव है।
गोवा और पुर्तगाल की संस्कृति मिलती-जुलती है। आए दिन यहां पुर्तगाल को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं।
रोनॉल्डो पुर्तगाल के डार्लिंग खिलाड़ी हैं। वहां के भी युवा रोनॉल्डो के दीवाने हैं। यही हाल गोवा का भी है।
राज्य सरकार ने इसीलिए युवकों की दीवनगी को देखते हुए यह कदम उठाया है।