उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में 55 सीटों के लिए और उत्तराखंड व गोवा में एक ही चरण में सभी सीटों के लिए मतदान सोमवार को होगा। उत्तराखंड में कुल 70 सीटें और गोवा में 40 सीटें हैं जहाँ वोटिंग होगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण में 58 सीटों पर वोटिंग हुई थी और साठ फीसदी वोट पड़े थे।
यूपी में अब दूसरे चरण में जिन 55 सीटों पर मतदान होना है वहाँ बीजेपी की कड़ी परीक्षा होगी। ऐसा इसलिए कि जब 2017 में बीजेपी की लहर थी तब भी इन सीटों पर बीजेपी एकतरफ़ा जीत हासिल नहीं कर पाई थी। कुल 55 सीटों में से बीजेपी 38 जीत पाई थी जबकि समाजवादी पार्टी 15 और कांग्रेस 2 सीटें जीत पाई थीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में बीजेपी को क़रीब 38 फ़ीसदी वोट मिले थे जबकि सपा को क़रीब 26 फ़ीसदी, बीएसपी को 20 फ़ीसदी और कांग्रेस को क़रीब 8 फ़ीसदी वोट मिले थे।
यूपी में दूसरे चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनमें से क़रीब 9 सीटें ऐसी हैं जहाँ मुसलिम आबादी 50 फ़ीसदी से अधिक है। इसके अलावा क़रीब 14 सीटें ऐसी हैं जहाँ मुसलिम आबादी 40 फ़ीसदी से अधिक है।
उत्तर प्रदेश में पहले चरण में जाट बहुल इलाकों में आरएलडी को बढ़त मिलने की बात कही जा रही है हालांकि बीजेपी का कहना है कि जाट समुदाय इस बार भी उसके साथ खड़ा रहा है। उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली व शाहजहांपुर में मतदान होगा। इन जिलों में मुसलिम मतदाता बड़ी संख्या में हैं।
यूपी में ये दिग्गज हैं मैदान में
उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के चुनाव में योगी सरकार में मंत्री रहे डॉ. धर्म सिंह सैनी नकुड़ सीट से, पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान रामपुर से, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से चुनाव मैदान में हैं। संभल से पूर्व मंत्री इकबाल महमूद व अमरोहा से पूर्व मंत्री महबूब अली भी चुनाव लड़ रहे हैं। बरेली कैंट से पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन चुनाव लड़ रही हैं।
शाहजहांपुर सीट से वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, बिलासपुर से जलशक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, बदायूं से नगर विकास राज्य मंत्री महेश चन्द्र गुप्ता, चंदौसी से राज्यमंत्री गुलाब देवी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
उत्तराखंड में 632 उम्मीदवार मैदान में
उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। कुल 632 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। यहाँ कोई भी पार्टी एक के बाद एक लगातार दूसरा चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुई है। 2017 के पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस ने 11 सीटें हासिल की थीं।
उत्तराखंड में तमाम चुनावी सर्वे इस बात को दिखा रहे हैं कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच बेहद कड़ा मुक़ाबला है। बीजेपी ने राज्य में कुछ महीनों के अंदर लगातार 3 मुख्यमंत्री दिए हैं और यह सवाल वहां की सियासत में उसे परेशान कर रहा है। उत्तराखंड में मुकाबला बेहद नजदीक और बेहद कड़ा रहेगा, यह बात तमाम राजनीतिक विश्लेषक भी कह रहे हैं।
गोवा में 40 सीटें
गोवा में 40 सीटों के लिए इस बार 332 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। प्रमोद सावंत बीजेपी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बने हुए हैं और आप ने अमित पालेकर को अपना सीएम उम्मीदवार चुना है। हालाँकि कांग्रेस ने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश नहीं किया है। इस बार राज्य में मुक़ाबला रोचक रहने की संभावना है क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी भी पूरे जोर शोर से मैदान में उतरी है।
गोवा में कांग्रेस ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन किया है और बीते दिनों में दूसरे दलों के कई नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ा दल बनी थी लेकिन बीजेपी ने जोड़-तोड़ कर सरकार बना ली थी। इस बार गोवा में बीजेपी के पास मनोहर पर्रिकर जैसा बड़ा नेता नहीं है, ऐसे में क्या वह वहां फिर से सरकार बना पाएगी इस पर सभी की नजरें लगी हुई हैं।
उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के मतदान के लिए उत्तर प्रदेश में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने पूरा जोर लगाया। इसी तरह उत्तराखंड और गोवा में भी बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी।
उत्तराखंड और गोवा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुक़ाबला है। उत्तराखंड में जहाँ कुछ सीटों पर आम आदमी पार्टी और बीएसपी मज़बूती से चुनाव लड़ रहे हैं वहीं गोवा में भी आम आदमी पार्टी और टीएमसी चुनाव मैदान में हैं। किस राज्य में कौन सी पार्टी जीतेगी, इसका नतीजा 10 मार्च को आएगा।