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मणिपुर: रॉकेट से हमलों के एक दिन बाद ताज़ा हिंसा में 5 की हत्या

मणिपुर: रॉकेट से हमलों के एक दिन बाद ताज़ा हिंसा में 5 की हत्या

मणिपुर के मुख्यमंत्री भले ही अगले छह महीने में राज्य में शांति बहाली के दावे कर रहे हैं, लेकिन हालात अब और बदतर होते दिख रहे हैं। जानिए, ड्रोन और रॉकेट से हमले के बाद अब ताज़ा हिंसा की क्या स्थिति है।

मणिपुर में छह महीने के अंदर शांति बहाली लाने का मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का दावा किए एक हफ़्ता भी नहीं हुआ कि राज्य फिर से दहल उठा है। रॉकेट से हमले के एक दिन बाद शनिवार को मणिपुर के जिरीबाम जिले में शनिवार को कम से कम पांच लोगों की हत्या कर दी गई। एक बुजुर्ग व्यक्ति की सोते समय गोली मारकर हत्या करने के बाद दो हथियारबंद समूहों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई थी। इससे एक दिन पहले ख़बर आई थी कि रॉकेट के हमले में एक बजुर्ग की जान चली गई थी।

तनाव के बीच ही शनिवार को हिंसा बढ़ गई। मैतेई समुदाय के 63 वर्षीय वाई कुलचंद्र को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुबह क़रीब 5 बजे जिरीबाम के निंगथेम खुनौ में गोली मार दी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कुलचंद्र की पत्नी वाई बेमचा ने बताया कि घटना के समय वह नाश्ता बना रही थीं। तीन हथियारबंद हमलावर उनके घर में घुसे और उनके पति की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर मौके से फरार हो गए। इसके बाद नुनचापी क्षेत्र में हथियारबंद हमलावरों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीन संदिग्ध कुकी उग्रवादियों और एक हथियारबंद मैतेई व्यक्ति की मौत हो गई। 

पिछले हफ़्ते बीरेन सिंह के दावे के अगले दिन एक बीजेपी नेता के घर को जला दिया गया था। फिर अगले कुछ दिनों में ड्रोन से हमले शुरू हो गए। और अब तो इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट दागे जा रहे हैं। यानी मणिपुर में हिंसा नये सिरे से सर उठा रही है। मणिपुर में शुक्रवार को हिंसा की एक नई लहर में 70 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम पांच लोग घायल हो गए। ऐसा बिष्णुपुर जिले के गांवों पर पास की पहाड़ियों से रॉकेट दागे जाने के कारण हुआ। जिनके घरों पर रॉकेट दागे गए उनमें से एक घर एक पूर्व मुख्यमंत्री का भी है।

पुलिस के अनुसार, कुकी-ज़ोमी बहुल चुराचांदपुर जिले के ऊंचे स्थानों से बिष्णुपुर जिले के ट्रोंगलाओबी के निचले आवासीय क्षेत्र की ओर रॉकेट दागे गए। उसी दिन दोपहर में उसी जिले के मोइरंग मैरेनबाम लेइकाई में दोपहर करीब 3.30 बजे ऐसे ही प्रोजेक्टाइल दागे गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मृतक की पहचान 70 वर्षीय आर के रबेई सिंह के रूप में हुई है। इनकी मौत मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री मैरेनबाम कोइरेंग के आवास पर रॉकेट फटने से हुई। 

अंग्रेज़ी अख़बार के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी मैरेनबाम केल्विन ने बताया कि रॉकेट दिवंगत मुख्यमंत्री के आवास की दीवार से टकराया और तुरंत फट गया, जिससे रबेई सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। केल्विन ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री का परिवार अपने एक सदस्य के अस्थि (अंतिम संस्कार) समारोह की तैयारी कर रहा था। 

यह घटना इंफाल पश्चिम के गांवों पर ड्रोन से बम गिराने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि ये 'रॉकेट' विस्फोटकों से जुड़े गैल्वनाइज्ड आयरन पाइप का उपयोग करके बनाए गए तात्कालिक प्रोजेक्टाइल लगते हैं।

मोइरांग के बंगलोन और मौलसांग में शुक्रवार को सुरक्षा बलों पर पहाड़ियों से गोलीबारी की गई। गोलीबारी और हिंसा पूरे दिन जारी रही। हिंसा के इस बढ़ते प्रकोप के चलते मणिपुर शिक्षा विभाग ने 7 सितंबर को राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया। घाटी स्थित नागरिक समाज संगठन कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी ने अनिश्चितकालीन सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की है और लोगों से घरों के अंदर रहने को कहा है। 

बता दें कि पिछले शनिवार को मणिपुर में कुकी-जो आदिवासी लोगों द्वारा अलग प्रशासन की मांग को लेकर निकाली गई विरोध रैलियों के दौरान अज्ञात हमलावरों ने बीजेपी के प्रवक्ता के घर में आग लगा दी थी। आगजनी राज्य के चुराचांदपुर जिले के पेनियल गांव में की गई। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के अनुसार जिस घर को निशाना बनाया गया वह घर माइकल लामजाथांग हाओकिप के माता-पिता का था। वह भाजपा प्रवक्ता हैं और थाडौ जनजाति के नेता हैं। 

जिस अलग प्रशासन की मांग को लेकर कुकी समूह प्रदर्शन कर रहे हैं उसको मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने साफ़ तौर पर खारिज कर दिया है। उन्होंने एक सप्ताह पहले यानी पिछले शुक्रवार को केंद्र की मदद से छह महीने में राज्य में पूर्ण शांति बहाल करने का वादा भी किया। 

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