मणिपुर राज्यपाल उइके: कभी जिन्दगी में ऐसी हिंसा नहीं देखी

08:34 am Jul 21, 2023 | सत्य ब्यूरो

मणिपुर में हिंसा क्या अप्रत्याशित रूप से हुई है? कम से कम राज्य की राज्यपाल अनुसुइया उइके का तो ऐसा ही मानना है। उन्होंने कहा है कि राज्य में हुई हिंसा ने उन्हें दुखी कर दिया है। उन्होंने न्यूज़18 चैनल से बातचीत में कहा, 'मैं खुलकर बोल रही हूं। मुझे बहुत दुख है, लोगों के घर जल गए हैं। मुझसे लोग पूछते हैं कि कब तक शांति स्‍थापित हो पाएगी। मैंने कभी ज़िन्दगी में ऐसी हिंसा नहीं देखी।’

मणिपुर के वीडियो ने पूरे देश को झकझोर दिया है और यही तथ्य राज्यपाल की टीवी चैनल से बातचीत में झलकता है। राज्य में वास्तविक स्थिति के बारे में पूछे जाने पर टीवी चैनल से राज्यपाल ने कहा, 'आज भी कहीं न कहीं हिंसा हो रही है। करीब 350 कैम्‍पों में 60 हजार से ज्‍यादा बच्‍चे, महिलाएँ और पुरुष रह रहे हैं। केंद्र को दोनों कम्युनिटी को बैठाकर बात करनी चाहिए। जब तक बैठकर मसले को सुलझाया नहीं जाएगा, तब तक शांति नहीं लौटेगी।

अनुसुइया ने वीडियो वाली घटना को शर्मसार करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि जबसे उन्‍हें इस घटना की जानकारी मिली है, वो काफी दुखी हैं। उन्‍होंने कहा, ‘यहां के लोग भी सद्भावना के साथ रहते हैं। यकीन नहीं हो रहा है कि यह घटना यहां हो सकती है।’

राज्यपाल ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव सिंह को जघन्य अपराध के अपराधियों को उचित दंड देने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। घटना में कोई कार्रवाई नहीं होने पर राज्यपाल ने कहा, 'आज मैंने राज्य के डीजीपी को फोन किया और पूछा कि पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। मैंने डीजीपी को तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस जघन्य अपराध के अपराधियों को कानून के अनुसार अनुकरणीय सजा दी जाए।'

उन्होंने कहा, 'मैंने डीजीपी से उस थाने के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है, जहां शिकायत दर्ज की गई थी, क्योंकि उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।'

गवर्नर ने पुलिस की भूमिका पर सवाल करते हुए कहा कि यह घटना 4 मई की है और 18 तारीख को इसपर रिपोर्ट दर्ज की गई है, इतने दिनों तक पता नहीं क्यों पुलिस ने इसपर संज्ञान नहीं लिया।

बता दें कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार देर शाम को कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के भयावह मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। राज्य की पुलिस ने कहा कि दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है। इससे कुल गिरफ्तारियों की संख्या चार हो गई है। इसमें से एक को कल सुबह ही गिरफ़्तार किया गया था।

इससे पहले इस घटना के संदर्भ में शिकायत दर्ज होने के बाद भी 62 दिनों तक एफआईआर दो पुलिस स्टेशनों में धूल फांक रही थी। जबकि राज्य में कई उच्च-स्तरीय बैठकें हुईं। देश के गृहमंत्री शांति स्थापित करने में लगे थे और कहा जा रहा था हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन क्या ऐसा था? यदि ऐसा था तो फिर 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया व सामूहिक दुष्कर्म किया गया। 18 मई को एफ़आईआर हुई। फिर भी 62 दिन तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?