बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फ़ौजी ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या का गुनाह क़ुबूल कर लिया है। यूपी एसटीएफ़ ने जीतू से लगातार 10 घंटे तक पूछताछ की। एसआईटी और एसटीएफ़ ने इस लंबी पूछताछ के दौरान उससे क़रीब 500 सवाल पूछे। अफ़सरों के अनुसार इसके बाद जीतू फ़ौजी टूट गया और उसने इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या की बात स्वीकर कर ली।स्याना गाँव में सोमवार को गोवंश के कुछ अवशेष मिलने पर हिंसा भड़क गई थी। इसी दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी और उनकी पिस्टल व मोबाइल लूट लिए गए थे। पुलिस पहले से ही मानती रही है कि जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फ़ौजी ने ही सुबोध कुमार सिंह की हत्या की थी। पुलिस ने संभावना जताई है कि सिंह की छीनी पिस्टल और मोबाइल भी उसी के कब्जे में होने की संभावना है।जीतू पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की कथित हत्या के तुरंत बाद ही अपने घर से भाग गया था। बुलंदशहर में हिंसा के अगले ही दिन जाकर जीतू ने ड्यूटी जॉइन कर ली थी। जीतू जम्मू-कश्मीर में तैनात था। इससे पहले मामले की जाँच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम ने सेना से संपर्क किया था और आरोपी जीतू की हिरासत माँगी थी। इसके बाद राष्ट्रीय रायफल-22 ने यूपी एसटीएफ को मेरठ में जीतू फ़ौजी को सौंपा था। इसके बाद एसटीएफ़ ने बुलंदशहर पुलिस को सौंप दिया था।
सूत्रों के अनुसार सेना के उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद जीतू को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने का फ़ैसला लिया गया था। पुलिस को फ़ौजी से पूछताछ में कुछ और अहम जानकारियाँ मिलने की उम्मीद है।इधर, बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित की हत्या को पाँच दिन हो चुके हैं लेकिन मुख्य आरोपी योगेश राज को अब तक पुलिस नहीं पकड़ पाई है।