जानदार-शानदार रोहित और विराट ने T20 क्रिकेट को कहा- अलविदा

10:44 am Jun 30, 2024 | सत्य ब्यूरो

T20 क्रिकेट के दो सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों के लिए इससे अच्छी विदाई और क्या हो सकती थी। शनिवार, 29 जून को बारबाडोस में भारत को टी20 विश्व कप दिलाने के बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा ने सफेद बॉल के गेम से संन्यास ले लिया। कप्तान रोहित ने यूएसए और वेस्टइंडीज में पूरे अभियान के दौरान आगे बढ़कर कुशल नेतृत्व दिया। जबकि पूर्व कप्तान विराट कोहली ने तब शानदार खेल दिखाया जब यह भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा मायने रखता था।

शनिवार को बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में आखिरी गेंद फेंके जाने के ठीक बाद रोहित शर्मा जमीन पर जबरदस्त ढंग से उछल पड़े। टी20 वर्ल्ड कप भारत जीत चुका था। भारत ने 11 साल बाद आईसीसी खिताब जीता और यह रोहित ही थे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट पर छाई मनहूसियत खत्म करने में मदद की। यह उनकी पीठ पर बहुत बड़ा बोझ था। क्योंकि सफेद गेंद वाले क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक के लिए क्रिकेट के टिप्पणीकार अच्छा नहीं लिख रहे थे। जनवरी 2024 में जब दोनों को टी20 फॉर्मेट में वापस लाया गया था, तो उस समय इस फैसले की आलोचना हुई थी।

कहा जाता है वक्त के साथ घाव भर जाते हैं। भारत के कप्तान सात महीने पहले आलोचनाओं पर भावुक हो गए थे। शनिवार को उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रोहित के आंसू छलक पड़े। उन्होंने अपने पार्टनर विराट कोहली को गले लगाया। उन्होंने चेहरे पर मुस्कान के साथ संन्यास की घोषणा की। शायद ही कभी किसी ने इतनी संतुष्टि के साथ इसे छोड़ा हो। 

विराट कोहली ने भी अपना टी20 करियर एक राष्ट्रीय नायक के रूप में खत्म किया। बारबाडोस की जीत पिछले टी20 विश्व कपों में उन सभी प्रयासों का एक आदर्श पुरस्कार है। रोहित शर्मा ने कहा भी कि विराट ने अपना सर्वश्रेष्ठ आज के लिए ही सुरक्षित रखा था।

रोहित शर्मा 2007 में टी20 विश्व कप का हिस्सा थे। उन्होंने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती। विराट कोहली ने 2011 में वनडे विश्व कप जीता। वह इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। फिर भी, हाल के दिनों में रोहित और कोहली को जो दुख आलोचकों से झेलना पड़ रहा था, दोनों बारबाडोस जैसे मौके की तलाश में थे। शनिवार को बारबाडोस में टी20 विश्व कप ट्रॉफी जब हाथ में आ गई तो उन्होंने बिना मौका गंवाए टी20 से संन्यास की घोषणा कर दी।

उनके कुछ आलोचकों और क्रिकेट टिप्पणीकारों ने आखिरकार शनिवार को यह स्वीकार किया कि भारत अपने इन दो वरिष्ठ खिलाड़ियों के अनुभव के बिना यूएसए और वेस्ट इंडीज की कठिन परिस्थितियों में टी20 ट्रॉफी जीतने में कामयाब नहीं हो सकता था। इसका श्रेय तो इन्हें ही देना पड़ेगा।

जनवरी 2024 में दौरे पर आई अफगानिस्तान टीम के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए जब रोहित और कोहली को टी20 टीम में चुना गया तो लोगों ने खुले दिल से स्वागत नहीं किया। क्योंकि इससे पहले रोहित और कोहली ने 13 महीने तक एक भी टी20 मैच नहीं खेला और ऐसा लग रहा था कि क्रिकेट का यह फॉर्मेट इन दोनों दिग्गजों से दूर चला गया है। तब कह जा रहा था कि कोहली टी20 के लिए अब पुराने हो गए हैं। इसी तरह रोहित का 2022 में टी20 विश्व कप अभियान कई हार से एक धब्बा बन गया था।