ख़ून से लथपथ अपने दादा के शव पर बैठे बच्चे की जो तसवीर दुनिया भर में वायरल हुई और जो मामला विवादों में रहा अब उसमें एक नया मोड़ आ गया है। पुलिस कहती रही है कि उस शख़्स को आतंकवादियों ने गोली मारी है, लेकिन मृतक के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि सीआरपीएफ़ ने गोली मारी। और अब इस मामले में सोशल मीडिया पर उसी बच्चे का एक वीडियो सामने आया है जो तसवीरों में उस मृत व्यक्ति के ख़ून से लथपथ शव के पास और पुलिसकर्मियों की गोद में दिखा था। इसमें बच्चा उस घटना के बारे में बयाँ कर रहा है कि उसके दादा पर किसने गोली चलाई।
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने रिट्वीट किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा है, ‘प्रसिद्ध तसवीर में दिखने वाले बच्चे की गवाही है।
वह साफ़ कहता है कि पुलिस वालों ने मारा
कम से कम एक न्यायिक जाँच तो होनी चाहिए।'
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस वीडियो में एक महिला उस बच्चे से पूछती हैं- बड़े पापा थे न सुबह आपके साथ
बच्चा- हाँ।
महिला- उनको क्या किया
बच्चा- गोली मार दिया... मार दिया...
महिला- किसने मारा
बच्चा- पुलिस वाले ने ठक...ठक किया... ठक... ठक... ठक...।
हालाँकि, इस वीडियो की पुष्टि अभी नहीं की गई है कि किसने बच्चे से बात की और बच्चे की बात में कितनी सच्चाई है। लेकिन बच्चा जो कह रहा है उससे उसके परिजनों के उस आरोप को बल मिलता है जिसमें उन्होंने इस घटना के लिए सीआरपीएफ़ को ज़िम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि बुधवार को आतंकवादी हमले में श्रीनगर निवासी 65 वर्षीय बशीर अहमद नाम के व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी और उनके साथ उनका तीन साल का पोता भी था जो सुरक्षित बच गया। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चा अपने दादा के साथ हंदवाड़ा जा रहा था। हमले में सीआरपीएफ़ का एक जवान शहीद हो गया है, जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं। सोपोर कस्बे में सीआरपीएफ़ की गश्त के दौरान आतंकवादियों ने हमला किया था।
इस घटना के बाद ही वह तसवीर दिखी थी जिसमें तीन साल का एक मासूम बच्चा गोलियों से छलनी अपने दादा के शव के पास बैठा दिख रहा है। दूसरी तसवीर में सुरक्षा बल के जवान उसे गोद में उठाकर ले जाते दिख रहे हैं। इसकी एक तसवीर तो जम्मू और कश्मीर पुलिस ने ट्वीट की जिनमें पुलिसकर्मी उसे सुरक्षित जगह ले जा रहे हैं।
महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट किया, 'सोपोर में 65 वर्षीय नागरिक की मौत के कारणों के दो वर्जन हैं। हत्या के लिए परिवार ने सीआरपीएफ़ को ज़िम्मेदार ठहराया है। कश्मीरी सशस्त्र बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी में फँस गए हैं।'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'दो तरह के वीडियो शेयर किए जा रहे हैं- 1) 3 साल के बच्चे के बचाव का प्रदर्शन किया जा रहा है जिसके दादा को गोली मारी गई थी। 2) उनके बेटे ने सीआरपीएफ़ पर पिता की दिनदहाड़े हत्या का आरोप लगाया। कश्मीर में सत्य हताहत हो गया है।'
परिजनों के आरोप
मारे गए बशीर अहमद के परिजनों ने सुरक्षा बलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक की पत्नी ने बीबीसी से कहा, ‘उन्हें रोककर गाड़ी से उतरने को कहा गया और फिर सीआरपीएफ़ ने गोली मार दी।’ रिपोर्ट के अनुसार, परिवार के अन्य सदस्यों ने कहा, ‘जहाँ पर शूटआउट हुआ, वहाँ के लोगों ने हमसे संपर्क किया और घटना की जानकारी दी। अगर वह गाड़ी चला रहे होते तो उन्हें कार में गोली लगती। कार के कुछ मीटर दूर कैसे गोली लगी’ बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया, ‘उन्हें मारने के बाद सुरक्षा बलों ने बच्चे को शव के पास बिठाए रखा ताकि तसवीर खींच सकें।’सीआरपीएफ़ ने आरोपों को बताया ग़लत
सीआरपीएफ़ के एडीजी ज़ुल्फ़िकार अली ने बीबीसी से बातचीत में परिजनों के आरोपों को ख़ारिज किया। उन्होंने कहा कि ये सब झूठ है। रिपोर्ट के अनुसार, ज़ुल्फ़िकार अली ने कहा, ‘मारे गए नागरिक एक गाड़ी से यात्रा कर रहे थे। अचानक वह फँस गए। जब आतंकवादियों ने गोलियाँ चलाईं उनकी कार वहाँ से गुज़र रही थी। हमें लगता है कि उन्हें आतंकवादियों की गोलियाँ लगी हैं। न तो उन्हें सीआरपीएफ़ ने बाहर निकाला, न ही गोली मारी। हो सकता है कि वह डर के मारे कहीं छिपने की कोशिश कर रहे थे और इस बीच आतंकवादियों की गोलियाँ उन्हें लग गईं। दूर बैठे लोग कहानियाँ बना रहे हैं कि उन्हें सीआरपीएफ़ ने मारा।’
सोपोर पुलिस ने तो ऐसी ख़बर प्रकाशित करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। सोपोर पुलिस ने ट्वीट किया, 'यह ख़बर कुछ सोशल नेटवर्किंग साइटों पर सामने आई कि नागरिक को नीचे लाया गया और मार दिया गया, पूरी तरह से बेबुनियाद है और तथ्यों से परे है। सोपोर पुलिस ख़बर का खंडन करती है और झूठी रिपोर्ट और अफवाहों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।'
पुलिस का दावा- बच्चे को बचाया
मृतक के परिजनों के विपरीत पुलिस का दावा है कि पुलिस ने उस बच्चे को आतंकवादियों से बचाया। पुलिस ने ट्वीट किया, ‘सोपोर में आतंकवादी हमले के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन साल के बच्चे को गोली लगने से बचाया।’
जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी ने इस घटना में नागरिक की मौत की तय समय के अंदर जाँच की माँग की है। एक बयान में पार्टी प्रवक्ता ने कहा, ‘मृतक के परिवार का बयान और परिस्थितिजन्य साक्ष्य प्रारंभिक तौर पर बताते हैं कि ख़ान की बेरहमी से हत्या की गई है। सरकार को निष्पक्ष जाँच का आदेश देना चाहिए कि किन हालात में एक नागरिक की मौत हुई।