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सोनिया गांधी से सोनिया अम्मा का सफर लोगों की नजर में 

सोनिया गांधी से सोनिया अम्मा का सफर लोगों की नजर में 

सोनिया गांधी होना आसान नहीं है। जिन्होंने अपने जीवन में खोया ही खोया है। वो आसानी से भारत की प्रधानमंत्री बन सकती थीं। लेकिन उस समय सुषमा स्वराज, मुलायम सिंह यादव, शरद पवार, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उनके विदेशी मूल का मुद्दा उठा दिया। आज उन्हीं पार्टियों के लोग ब्रिटेन में ऋषि सुनक के पीएम बनने पर खुशियां मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर सोनिया गांधी को लेकर लोगों ने इन सवालों को जोरशोर से उठाया। 

सोनिया गांधी आज बुधवार 26 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद से मुक्त हो गईं। उन्होंने पार्टी द्वारा चुने गए मल्लिकार्जुन खड़गे को पदभार सौंप दिया। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग उन्हें मां और अम्मा जैसे संबोधन से यूं ही नहीं संबोधित कर रहे हैं। बुधवार सुबह से जिस तरह सोशल मीडिया पर सोनिया गांधी ट्रेंड हो रहा था, उससे पता चलता है कि लोग उन्हें दिलोजान से चाहते थे। इसी मौके पर लोगों ने यह सवाल भी किया कि जब प्रधानमंत्री बनने का चांस आया तो किस तरह ऋषि सुनक पर खुशियां मनाने वालों ने सोनिया गांधी का विरोध किया था। उनकी नागरिकता पर सवाल उठाए गए थे। सोनिया के बहाने लोगों ने बहुत कुछ याद किया।

इस संबंध में सोशल मीडिया पर आई टिप्पणियों को पढ़ा जाना चाहिए। पत्रकार संयुक्ता बसु ने लिखा - सोनिया गांधी ने पीएम पद इसलिए नहीं लिया, क्योंकि वो जानती थीं कि नस्लवादी आरएसएस बीजेपी गैंग शायद हिंसा पर उतारू हो जाएं। वो यूपीए की चेयरपर्सन बनी रहीं। उन्होंने पीएम मनमोहन सिंह के साथ मिलकर भारत को 2004 से लेकर 2014 तक स्वर्णिम युग प्रदान किया।   

सोनिया को लेकर हालांकि कांग्रेस के लोग भी टिप्पणियां कर रहे हैं, जिनमें वो उनकी तारीफ कर रहे हैं। लेकिन इस समय ऐसे लोगों की टिप्पणियों को पढ़ने की जरूरत है, जो कांग्रेस से जुड़े नहीं हैं। खुद नए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने बुधवार को कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस के लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहेंगी। 

डॉ बालचंद्र कांगो ने 2004 में कांग्रेस के चुनाव जीतने बाद का समय याद दिलाया है और कहा कि कैसे उस समय बीजेपी वालों ने सोनियां गांधी के नाम पर शोरशराबा किया था।

खुद को सेल्समैन बताने वाले सुब्रत सौरभ ने लिखा है - वो (सोनिया) पिछले 50 वर्षों से भारत में हैं। वो भारतीय वस्त्र पहनना पसंद करती हैं, वो भारतीय भाषा बोलती हैं, वो भारतीय संस्कृति का अनुसरण करती हैं। उनके पास भारतीय पासपोर्ट है। लेकिन वो भारतीय नहीं हैं। क्योंकि अंधभक्त सोचते हैं कि कनाडियन अक्षय कुमार और ब्रिटिश ऋषि सुनक ही भारतीय हैं।

युवा देश ट्विटर हैंडल ने सोनिया गांधी को संघर्ष, सादगी और त्याग की प्रतिमूर्ति लिखा है। 

दक्षिण भारत से श्रीधर रामास्वामी ने लिखा है कि सोनिया को धन्यवाद कहना एक छोटा शब्द होगा। उन्होंने निस्वार्थ भाव से भारत की सेवा की।

मनमिन्दर सिंह ने लिखा है कि अंधभक्त किसी को भी और हर किसी को भारतीय स्वीकार कर सकते हैं, सिवाय सोनिया गांधी के।

गोरखपुर से विनीत राय ने लिखा है - इटली वाली.. इटली वाली कहकर दिन रात छाती पीटने वाले लोग भी आज ऋषि सुनक को बधाई दे रहे हैं।

इसी तरह की असंख्य प्रतिक्रियाएं अभी भी सोशल मीडिया पर आ रही हैं। हालांकि बीजेपी समर्थक ट्विटर हैंडल से उनका जवाब देने की कोशिश हो रही है। जिनमें सोनिया गांधी के चरित्र हनन की कोशिश की गई है।

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