+
विपक्ष मजबूरियाँ त्याग 2024 के लिए व्यवस्थित योजना बनाए: सोनिया 

विपक्ष मजबूरियाँ त्याग 2024 के लिए व्यवस्थित योजना बनाए: सोनिया 

सोनिया गांधी ने 2024 के चुनाव से पहले विपक्षी एकता को एकजुट करने की कोशिश की है। 19 दलों की बैठक में सोनिया ने विपक्षी दलों से 2024 के चुनावों के लिए व्यवस्थित रूप से योजना बनाने का आह्वान किया। 

सोनिया गांधी ने 2024 के चुनाव से पहले विपक्षी एकता को एकजुट करने की कोशिश की है। 19 दलों की बैठक में सोनिया ने विपक्षी दलों से 2024 के चुनावों के लिए व्यवस्थित रूप से योजना बनाने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल एकजुट होकर काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि सभी दलों को अपनी-अपनी मजबूरियों से ऊपर ऊठने का समय आ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 19 राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक को विपक्षी एकजुटता के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। 

अखिलेश यादव की क़यादत वाली एसपी ने बैठक से किनारा कर लिया है जबकि आम आदमी पार्टी, बीएसपी को बैठक में आने का निमंत्रण नहीं दिया गया था। बैठक में कांग्रेस के अलावा टीएमसी, एनसीपी, डीएमके, शिव सेना, जेएमएम, सीपीआई, सीपीएम, नेशनल कॉन्फ्रेन्स, आरजेडी, एआईयूडीएफ़, लोकतांत्रिक जनता दल, जेडीएस, आरएलडी, आरएसपी, केरल कांग्रेस (एम), पीडीपी और आईयूएमएल शामिल हुए। कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी के अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सांसद राहुल गांधी भी बैठक में मौजूद रहे। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने विपक्षी दलों से आग्रह किया कि उस एक उद्देश्य के साथ काम किया जाए जो देश को ऐसी सरकार दे जो स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और हमारे संविधान के सिद्धांतों और प्रावधानों में विश्वास करने वाली हो। सोनिया ने बैठक में कहा, 'हम सभी की अपनी मजबूरियाँ हैं, लेकिन स्पष्ट रूप से वह वक़्त आ गया है जब हमारे राष्ट्र के हितों की मांग है कि हम उनसे ऊपर उठें।' उन्होंने कहा कि 2024 का चुनाव 'अंतिम लक्ष्य' है। उन्होंने कहा कि 'यह एक चुनौती है, लेकिन हम साथ मिलकर इसे आगे बढ़ा सकते हैं क्योंकि एक साथ मिलकर काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।'

सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में विपक्षी एकता पर जोर देने के अलावा पेगासस समेत अन्य मुद्दों लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, 'भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ वास्तव में हमारे लिए अपने व्यक्तिगत और सामूहिक संकल्प की पुष्टि करने का सबसे उपयुक्त अवसर है।'

विपक्षी दलों की इस बैठक से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की शरद पवार और गांधी परिवार के साथ मुलाक़ात हुई थी, ममता बनर्जी का बीजेपी के विरोध में फ्रंट बनाने का आह्वान हुआ था और दिल्ली दौरे के दौरान भी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश हुई थी। दिल्ली में राष्ट्र मंच नाम के संगठन की बैठक भी हुई थी और इसमें तमाम विपक्षी दलों के नेता जुटे थे। संसद के मानसून सत्र में भी यह एकजुटता कायम रही थी। 

 - Satya Hindi

संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के हमलों से मोदी सरकार बुरी तरह घिर गई थी। किसान आंदोलन और पेगासस जासूसी मामले ने सरकार का पीछा अभी भी नहीं छोड़ा है। मानसून सत्र के दौरान तमाम विपक्षी दलों के नेता राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े दिखाई दिए थे। 

जेल से बाहर आए आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव ने भी बीते दिनों शरद पवार और अखिलेश यादव से मुलाक़ात कर विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया था। 

 - Satya Hindi

विपक्षी दल इस बात को जानते हैं कि साल 2022 में बीजेपी को रोकना ज़रूरी है, खासकर उत्तर प्रदेश में। उत्तर प्रदेश में अगर बीजेपी को जीत मिलती है तो वह 2024 के लिए तेज़ी से क़दम बढ़ाएगी और अगर हार मिली तो उसकी राह मुश्किल हो जाएगी। 2022 में सात राज्यों में चुनाव होने हैं और इनमें से पांच में साल की शुरुआत में चुनाव हैं। 

इस बीच कांग्रेस अपने नेताओं के लगातार पार्टी छोड़ने के कारण परेशान है तो बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के गिरने से। देखना होगा कि क्या विपक्षी दल सोनिया गांधी की इस बैठक के बाद विपक्षी एकजुटता को और मजबूत कर पाते हैं और जिस थर्ड फ्रंट या एंटी बीजेपी फ्रंट की बात बार-बार कही जा रही है, उसके बनने की दिशा में क्या ये दल आगे बढ़ पाते हैं। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें