पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती क़ीमतों को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। बीते तीन हफ़्ते से पेट्रोल-डीजल की क़ीमतें लगातार बढ़ रही हैं और इस मुद्दे पर जनाक्रोश को देखते हुए कांग्रेस सोमवार को देश भर में साइकिल रैली निकालकर प्रदर्शन कर रही है। ट्विटर पर पार्टी ने हैशटैग #SpeakUpAgainstFuelHike के तहत अभियान चलाया हुआ है। पार्टी आम लोगों के वीडियो संदेश भी जारी कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि महंगे पेट्रोल-डीजल की मार ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े-शहरों में पेट्रोल-डीजल की क़ीमतें 80 रुपये को पार कर गई हैं।
‘18 लाख करोड़ की अतिरिक्त वसूली’
सोनिया ने कहा, ‘2014 के बाद मोदी सरकार ने जनता को कच्चे तेल की गिरती क़ीमतों का फायदा देने के बजाए पेट्रोल और डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जिससे सरकार ने 18 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली की। यह अपने आप में जनता की मेहनत की कमाई से पैसा निकालकर खजाना भरने का जीता-जागता सबूत है।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी यह है कि मुश्किल वक्त में जनता का सहारा बने, उनकी मुसीबत का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी न करे।
सोनिया ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई क़ीमतों की सीधी चोट देश के किसान, ग़रीब, नौकरीपेशा लोगों, मध्यम वर्ग और छोटे उद्योगों पर पड़ रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस संकट में बढ़ाई गई पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों को मोदी सरकार तुरंत वापस ले।
गलवान में भारतीय जवानों की शहादत और भारत की सीमाओं में चीन घुसपैठ को लेकर भी कांग्रेस इन दिनों मोदी सरकार पर हमलावर है।
कुछ दिन पहले सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा, दिग्विजय सिंह, राजीव त्यागी, हरीश रावत और तमाम राज्यों के बड़े कांग्रेसी चेहरों, अपने फ़्रंटल संगठनों के प्रमुखों को पार्टी ने इस मुद्दे पर मैदान में उतारा था और साफ किया था कि मोदी सरकार को चैन की सांस नहीं लेने देगी।
सोनिया से लेकर राहुल गांधी और तमाम नेताओं ने मोदी सरकार से सवाल पूछा है कि आख़िर चीन के मामले में मोदी सरकार भ्रम की स्थिति क्यों बनाए रखना चाहती है। वह देश के लोगों से सीमा के असल हालात को क्यों छिपाए रखना चाहती हैराहुल गांधी ने कहा था कि भले ही पीएम मोदी भारतीय सीमा में घुसपैठ न होने की बात कहें लेकिन सैटेलाइट फ़ोटोग्राफ़्स और लद्दाख की जनता के बयान कह रहे हैं कि चीन हमारी ज़मीन छीन चुका है।