कंगना रनौत ने हाल ही किसानों के प्रदर्शन से संबंधित कुछ ऐसा ट्वीट किया कि उस ट्वीट को हटा लेने के बाद भी उनको ट्विटर यूज़र निशाने पर ले रहे हैं। कोई उन्हें किसान विरोधी और घमंडी बता रहा है तो कोई उनका बहिष्कार करने का ट्वीट कर रहा है।
दरअसल, कंगना ने जो ट्वीट किया था वह ग़लत दावा था। उन्होंने शाहीन बाग़ में प्रदर्शन करने वाली 90 साल की वृद्धा बिलकिस यानी 'दादी' को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने उस ट्वीट में दावा किया था, 'यही वह दादी है जो टाइम मैगज़ीन में सबसे शक्तिशाली भारतीय के तौर पर दिखी... और वह अब 100 रुपये में उपलब्ध है...।' कंगना ने अधिवक्ता गौतम यादव नाम के ट्विटर हैंडल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए यह लिखा था। उस ट्वीट में दो तसवीरें थीं। एक में शाहीन बाग़ की 'दादी' यानी बिलकिस थीं और दूसरे में किसानों के प्रदर्शन में शामिल एक वृद्ध महिला। दोनों तसवीर की वृद्धा को बिलकिस के रूप में बताया गया। और ट्वीट में लिखा गया, 'दिहाड़ी पर दादी उपलब्ध है....।'
ये दावे पूरी तरह ग़लत थे। तवसीरों में दोनों अलग-अलग वृद्धा हैं। यानी जो शाहीन बाग़ी की दादी हैं वह किसानों के आंदोलन में नहीं हैं। दरअसल, वह किसान आंदोलन में गई ही नहीं हैं। 'बूम' से बातचीत में बिलकिस ने कहा कि वह शाहीन बाग़ में अपने घर पर हैं और जो फ़ोटो में दिखाया जा रहा है कि किसानों के प्रदर्शन में बिलकिस हैं वह ग़लत है। उन्होंने कहा कि वह अभी तक किसानों के आंदोलन में भी नहीं गई हैं।
फ़ैक्ट चेक में भी यह बात ग़लत साबित हुई। ऑल्ट न्यूज़ के प्रतीक सिन्हा ने ट्वीट किया कि कंगना का यह एक झूठा दावा है और उन्होंने अब अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है।
फ़ैक्ट चेक में वह दावा ग़लत साबित होने के बाद कंगना ने अपना ट्वीट हटा लिया। लेकिन किसानों के समर्थन में खड़े लोगों का ग़ुस्सा शांत नहीं हुआ। लोगों ने कंगना के ख़िलाफ़ ट्विटर पर हैशटैग चलाए।
दुष्यंत नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा, "पंजाब के एक किसान ने कंगना के उस हमले का जवाब दिया जो उन्होंने वृद्ध महिला किसान+ प्रदर्शनकारी को लेकर ट्वीट किया था। 'हमारे लिए यहाँ हमारी माताएँ बैठी हैं, हमारी योद्धा हैं। हम आतंकवादी नहीं हैं। आप लोगों की समस्या यह है कि आपने इतिहास नहीं पढ़ा है, आप सिर्फ़ अहंकारी हैं'।"
मंगल सिंह तह्ना नाम के यूज़र ने लिखा है, 'कंगना रनौत, वह वक़्त याद है जब आपका घर मुंबई सरकार द्वारा तोड़ दिया गया था, तब न केवल आप बल्कि हममें से अधिकांश लोगों ने दर्द महसूस किया था। लेकिन अगर आप किसानों के लिए ऐसा महसूस नहीं कर सकती हैं तो आपको कम से कम किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के बीजेपी के रवैये को नहीं फैलाना चाहिए।' इन्होंने 'कंगना रनौत का बहिष्कार' हैशटैग भी जोड़ा है।
सुख काओंके नाम के ट्विटराइट ने कंगना रनौत को टैग करते हुए 'शर्म' का हैशटैग ट्वीट किया है। इसके साथ ही इस ट्वीट में तसवीर में एक तख्ती पर लिखकर कंगना को 'गोदी मीडिया के लिए बिकने के लिए उपलब्ध' जैसे शब्द लिखा है। इसमें यह भी लिखा है कि 'कंगना ने मोदी सरकार को अपनी आत्मा बेच दी है'।
बता दें कि पंजाब और हरियाणा के किसान केंद्र सरकार के तीन क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी को लेकर वे दिल्ली पहुँचे हैं। इन्हीं प्रदर्शन करने वालों में एक वृद्ध महिला किसान की तसवीर भी वायरल हुई थी। इसी तसवीर को कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर शाहीन बाग़ में प्रदर्शन में शामिल रहीं बिलकिस से जोड़ दिया था। उन्हीं पोस्टों को लेकर कंगना ने भी आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी।