एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में शिवसेना ने जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह तक की तारीफ की है और कहा है कि कांग्रेस नेतृत्व में देश में आए तमाम संकटों का सामना किया गया और देश उन संकटों से बाहर निकलने में कामयाब रहा।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे एक लेख में कहा गया है कि पहले रवान्डा, कांगो और पाकिस्तान को दूसरे देश मदद दिया करते थे, पर अब ग़लत नेतृत्व के कारण भारत उस स्थिति में पहुँच चुका है और दूसरे देश उसकी मदद कर रहे हैं।
सेंट्रल विस्टा
शिवसेना ने बहुत ही तीखे अंदाज में कहा कि आज स्थिति यह हो गई है कि भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका तक भारत की मदद कर रहे हैं और भारत के प्रधानमंत्री सेंट्रल विस्टा परियोजना में लगे हुए हैं। शिवसेना ने कहा कि कई देशों ने पहले ही कह दिया था कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर आएगी, पर भारत सरकर उससे लड़ने की तैयारियां करने के बजाय पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को हराने में लगी हुई थी और वह अब भी उसी में उलझी हुई है।
सामना में यह भी कहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ सांसद सुब्रमणियन स्वामी का यह कहना कि कोरोना का कामकाज परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सौंप दिया जाए, यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन बुरी तरह नाकाम रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत को भूटान की मदद
'सामना' के संपादकीय में लिखा गया है, 'यूनिसेफ ने डर जताया है कि भारत में जिस गति से कोरोना वायरस फैल रहा है, उससे दुनिया को ख़तरा है। इसने यह भी अपील की है कि अधिकतम देशों को कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में भारत की मदद करनी चाहिए। बांग्लादेश ने रेमडेसिविर की 10,000 शीशियां भेजी हैं जबकि भूटान ने चिकित्सीय ऑक्सीजन। नेपाल, म्याँमार और श्रीलंका ने भी आत्मनिर्भर भारत की मदद की पेशकश की है।'शिवसेना ने इस बात पर ताज्जुब जताया कि किसी को भी इस बात का अफसोस नहीं है कि एक तरफ भारत बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान जैसे देशों से मदद ले रहा है, वहीं दूसरी तरफ मोदी नए संसद भवन और प्रधानमंत्री आवास के निर्माण के लिए कई करोड़ के सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम रोकने को तैयार नहीं है।
सेंट्रल विस्टा पर अड़ी है सरकार
शिवसेना के मुखपत्र में इस तरह की तीखी आलोचना होने के एक दिन पहले केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेंट्रल विस्टा परियोजना पर केंद्र सरकार का जम कर बचाव किया और इसका विरोध करने वालों, ख़ास कर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था।
पुरी ने कहा था, 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर कांग्रेस पार्टी का ऐतराज अजीब है. सेंट्रल विस्टा परियोजना की लागत कई वर्षों से लगभीग 20 हजार करोड़ रुपये है। भारत सरकार ने टीकाकरण के लिए लगभग दो बार राशि आवंटित की है। देश का केवल इसी वर्ष स्वास्थ्य बजट 3 लाख करोड़ रुपये हैं। हम अपनी प्राथमिकताओं को समझते हैं।'
इन तमाम विरोधों के बावजूद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को 'ज़रूरी सेवाओं' की श्रेणी में रखा गया है, जिसका कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने विरोध किया है।
इस योजना को हाल ही में पर्यावरण विभाग से भी हरी झंडी मिल गई है, जिससे समझा जाता है कि नया प्रधानमंत्री आवास दिसंबर, 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं नया उपराष्ट्रपति आवास अगले साल मई तक बनकर तैयार हो जाएगा।