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संजय राउत 4 दिन की ईडी हिरासत में भेजे गये

संजय राउत 4 दिन की ईडी हिरासत में भेजे गये

शिवसेना सांसद संजय राउत के ख़िलाफ़ ईडी ने आख़िर किस आधार पर कार्रवाई की? जानिए उन पर क्या है आरोप और क्या है पूरा मामला।

अदालत ने शिवसेना सांसद संजय राउत को चार दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने आठ दिन की हिरासत मांगी थी। अदालत कक्ष के अंदर ले जाने से पहले राउत ने मीडिया से कहा, 'यह हमें खत्म करने की साजिश है।' राउत के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि यह राजनीतिक कार्रवाई है। बता दें कि राउत को मुंबई के पत्रा चॉल जमीन घोटाले के मामले में 16 घंटे तक चली पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। ईडी के कार्यालय के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। राउत के समर्थकों ने आज जमकर नारेबाज़ी की। 

संजय राउत से रविवार सुबह 7 बजे से पूछताछ की जा रही थी। ईडी की टीम पहले संजय राउत के घर पर पहुंची और उनसे क़रीब 9 घंटे तक पूछताछ करने के बाद उन्हें अपने दफ्तर ले गई थी। इसके बाद जांच एजेंसी के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में संजय राउत से ईडी के दफ्तर में भी 7 घंटे तक पूछताछ हुई थी और आखिरकार उन्हें रात 12:05 बजे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने संजय राउत के घर से 11 लाख 50 हजार कैश भी जब्त किया है। एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि संजय राउत जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। 

पिछले 2 हफ्ते से ईडी संजय राउत से पूछताछ करना चाह रही थी लेकिन वह संसद के मानसून सत्र का हवाला देकर लगातार जांच से बच रहे थे। 

लगभग 9 घंटे की पूछताछ के बाद रविवार को ईडी की टीम संजय राउत को कुछ कागजातों के साथ अपने दफ्तर ले गई। ईडी ने जब संजय राउत के घर पर छापा मारा था तो उस दौरान उनके घर से 11 लाख 50 हजार रुपये कैश भी बरामद किया गया था। राउत से इन पैसों का हिसाब भी मांगा गया जिसका जवाब संजय राउत नहीं दे पाए। राउत को जब ईडी हिरासत में लेकर अपने दफ्तर पहुंची थी तो राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि बीजेपी के बड़े नेताओं के दबाव में शिवसेना को खत्म करने की साजिश ईडी के जरिए की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम झुकने वाले नहीं हैं। राउत ने कहा कि मेरे खिलाफ झूठी कार्रवाई की जा रही है और यह सिर्फ महाराष्ट्र को कमजोर करने की साजिश है।

ईडी के सूत्रों का कहना है कि संजय राउत से 1034 करोड़ के पत्रा चॉल जमीन घोटाले के मामले में पूछताछ करनी है। इसके अलावा डीएचएफएल यस बैंक घोटाले मामले में भी उनसे पूछताछ होगी। सूत्रों का कहना है कि यस बैंक घोटाले में पुणे का कारोबारी अविनाश भोसले पहले से ही गिरफ्तार है और ये दोनों घोटाले एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

संजय राउत के भाई सुनील राउत ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि बीजेपी उनसे डरती है इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। सुनील राउत ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं दिया गया है। ईडी के अधिकारियों ने हमें बताया है कि संजय राउत को आज सुबह 11:30 बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा।

ईडी के अधिकारी रविवार शाम को जब संजय राउत को उनके घर से हिरासत में लेकर निकल रहे थे तो संजय राउत की मां ने उनकी आरती उतारी और उन्हें आशीर्वाद दिया।

मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि संजय राउत रविवार शाम जब ईडी के अधिकारियों के साथ अपने घर से निकल रहे थे तो उनकी मां और उनकी पत्नी उनसे लिपट कर रोने लगीं। संजय राउत की छोटी बेटी ईडी के दफ्तर अपने पिता के पीछे पीछे पहुंच गई और ईडी के ऑफिस के बाहर बैठी रोती हुई दिखाई दीं।

इससे पहले ईडी की टीम जब संजय राउत के घर रविवार सुबह पहुंची थी तो संजय राउत ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र और शिवसेना लगातार लड़ती रहेगी। इसके अलावा राउत ने कहा कि झूठे दस्तावेज तैयार करके झूठी कार्रवाई की जा रही है और मैं मरते दम तक शिवसेना नहीं छोडूंगा। राउत ने आगे ट्वीट करते हुए कहा कि उनका इस घोटाले से बिल्कुल भी संबंध नहीं है और मैं यह बाला साहब ठाकरे की कसम खाकर कह रहा हूं। बाला साहब ठाकरे ने हमें लड़ना सिखाया है और हम आखिर तक लड़ते रहेंगे।

क्या है पत्रा चॉल घोटाला 

दरअसल, यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्र चॉल से जुड़ा है। इस इलाके में म्हाडा का एक बहुत बड़ा प्लॉट है जिसका सरकार पुनर्निर्माण करना चाहती थी और इसी में करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस मामले में ईडी पहले ही संजय राउत की नौ करोड़ रुपये और उनकी पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है। मुंबई के गोरेगांव स्थित गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस पत्रा चॉल की जमीन पर 3000 फ्लैट बनाने का ठेका मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे और बाकी बचे हुए फ्लैट्स को महाला को हैंडओवर किया जाना था लेकिन साल 2011 में इस जमीन के कुछ हिस्से को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था। जिस बिल्डर ने इस जमीन को खरीदा था उसने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 55 लाख से ज्यादा रुपए ट्रांसफर किए थे। बस यहीं से ईडी की जांच में संजय राउत फंस गए और ईडी इसी मामले में उनसे पूछताछ कर रही है।

साल 2020 में महाराष्ट्र में पीएमसी बैंक घोटाले का मामला सामने आया था जिसमें कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिस गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम इस घोटाले में सामने आया था तब पता चला कि बिल्डर ने राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपये का कर्ज दिया था। आरोप है कि संजय राउत ने इन्हीं पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था। हालांकि जिन पैसों से संजय राउत ने दादर में फ्लैट खरीदा था उस फ्लैट को ईडी जब्त कर चुकी है।

पत्रा चॉल से संबंधित ही ईडी ने अप्रैल में इसी साल संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों से जुड़ी हुई 11 करोड़ 15 लाख की संपत्ति को अस्थाई रूप से अटैच कर दिया था। ईडी ने संजय राउत के मुंबई से सटे पालघर की जमीन, दादर का फ्लैट और अलीबाग के पास एक जमीन को सीज कर दिया था। इसमें से कुछ जमीन उनके करीबी बिल्डर प्रवीण राउत की है जिसने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे। इसी आधार पर ईडी ने संजय राउत पर शिकंजा कसा है।

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