महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान में शिवसेना ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाये हैं। शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा है कि बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनना चाहिए। संपादकीय में सहयोगी पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाया गया है कि वह सरकार बनाने के लिये धनबल का इस्तेमाल कर रही है।
संपादकीय में लिखा है, ‘कुछ लोग शिवसेना के विधायकों को पैसे से ख़रीदने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसी शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। शिवसेना राज्य में इस तरह की राजनीति नहीं होने देगी।’ संपादकीय में आगे लिखा है, ‘पिछली सरकार पैसे के दम पर नई सरकार बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन कोई भी किसानों की मदद नहीं कर रहा है इसलिए किसान शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहते हैं।’
शिवसेना के आरोपों पर कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, ‘शिवसेना बीजेपी की सहयोगी है और वह अगर बीजेपी से विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त को लेकर डरी हुई है तो इससे यह समझा जा सकता है कि बीजेपी नैतिक रूप से कितनी भ्रष्ट है और इसलिए हमें ऐसे लोगों से महाराष्ट्र को बचाने की ज़रूरत है।’ सावंत ने सवाल उठाया है कि क्या बीजेपी-शिवसेना गबठंधन को अब भी सरकार बनाने का कोई नैतिक अधिकार है।
शिवसेना ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है। मुनगंटीवार ने कहा था कि सरकार गठन को लेकर जल्दी ही कोई अच्छी ख़बर आ सकती है। इस पर शिवसेना ने कहा है, ‘सुधीर मुनगंटीवार ने अच्छी ख़बर के बारे में बात की है लेकिन संख्या के बारे में कोई बात नहीं की। महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को जो नुक़सान हो रहा है, उस बारे में कोई नहीं सोच रहा है। शिवसेना तलवार के साथ महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा की सुरक्षा करने के लिये तैयार है।’ हालाँकि सेना ने कहा है कि बातचीत के लिये उसके दरवाजे खुले हैं।
इस बीच, शिवसेना के विधायकों में टूट की ख़बरों को लेकर पार्टी ने कहा है कि उसके विधायक पार्टी के प्रति समर्पित हैं। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने इस तरह की ख़बरों को बकवास बताया है। राउत ने कहा है कि जो लोग ऐसी ख़बरें फैला रहे हैं, उन्हें पहले अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी की भी हिम्मत शिवसेना के विधायकों के नजदीक आने की नहीं है। राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे पार्टी के विधायकों के साथ चर्चा करेंगे और उन्हें ज़रूरी निर्देश देंगे।