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शिवाजी पर विवाद: शिंदे खेमे के विधायक भी बोले- गवर्नर को हटाओ

शिवाजी पर विवाद: शिंदे खेमे के विधायक भी बोले- गवर्नर को हटाओ

शिवाजी महाराज पर विवादित बयान को लेकर शिंदे खेमे के ही विधायक ने भी अब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के ख़िलाफ़ बोला है। जानिए उन्होंने क्या कहा। 

शिवाजी महाराज पर विवादित बयान को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की जैसी मांग उद्धव खेमे के संजय राउत ने की थी वैसी ही मांग अब शिंदे खेमे के एक विधायक ने भी कर डाली है।

संजय गायकवाड़ ने आज छत्रपति शिवाजी पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी के खिलाफ कहा, 'राज्यपाल को यह समझना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श कभी पुराने नहीं पड़ते और उनकी तुलना दुनिया के किसी अन्य महान व्यक्ति से नहीं की जा सकती।' तो क्या कोश्यारी के बयान से खड़ा हुआ बवंडर अब शिंदे खेमे और बीजेपी गठबंधन के लिए अब मुश्किलें पैदा करने वाला है? क्या गायकवाड़ के बयान पर शिंदे खेमा कोई रुख अपनाएगा?

गायकवाड़ के बयान पर अभी तक शिंदे खेमे की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी तो नहीं आई है, लेकिन इतना तो साफ़ है कि गायकवाड़ का रवैया बेहद सख्त है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार गायकवाड़ ने कहा, 'मैं भाजपा के सभी केंद्रीय नेताओं से अनुरोध करता हूँ कि एक राज्यपाल जो यहाँ के इतिहास को नहीं जानता है या यह कैसे काम करता है - ऐसे व्यक्ति को रखने से कोई फायदा नहीं होगा... इसलिए यह हमारी मांग है कि मराठी व्यक्ति को राज्यपाल बनाया जाए। आप जहां चाहें कोश्यारी को भेजें।'

गायकवाड़ के बयान से देखा जा सकता है कि उन्होंने साफ़-साफ़ बीजेपी को संदेश दिया है कि वह कोश्यारी को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया है कि यदि इस मुद्दे को सुलझाया नहीं गया तो यह सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच दरार का केंद्र बन सकता है।

क्या गडकरी के शब्दों से शांत होगा मुद्दा?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवाजी पर कोश्यारी की टिप्पणियों को लेकर मामला शांत कराने की कोशिश की है। उन्होंने सहयोगी एकनाथ शिंदे को खुश करने के प्रयास में कहा, 'शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं... हम उन्हें अपने माता-पिता से भी ज्यादा मानते हैं।'

बता दें कि औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कोश्यारी ने टिप्पणी की थी कि शिवाजी महाराज एक 'पुराना आदर्श' बन गए हैं और नए आदर्श बाबासाहेब आंबेडकर में नितिन गडकरी के रूप में मिल सकते हैं। उन्होंने कहा था, 'अगर कोई पूछता है कि आपका आदर्श कौन है, तो आपको उसको ढूंढने बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है। आप उन्हें यहीं महाराष्ट्र में पाएंगे। छत्रपति शिवाजी महाराज अब एक पुराने आदर्श बन गए हैं, आप नये आदर्श पा सकते हैं - बाबासाहेब आम्बेडकर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को।'

शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट भी कोश्यारी के बयान को लेकर बेहद सख्त है। इसके नेता संजय राउत ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी की आलोचना की है और उनको हटाने की मांग की है। राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की भी मांग की है। 

 - Satya Hindi

संजय राउत ने शिंदे से पूछा था कि उनका वह 'स्वाभिमान' कहां है जिसका उन्होंने उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ विद्रोह करते समय ज़िक्र किया था।

संजय राउत ने मराठा शासक को 'पुराना आदर्श' कहने वाली कोश्यारी की टिप्पणी को लेकर शिंदे पर 'चुप' रहने का आरोप लगाया। राउत ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा था, 'राज्यपाल ने एक वर्ष में चार बार शिवाजी महाराज का अपमान किया है। फिर भी, सरकार चुप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह शिवाजी महाराज को आदर्श मानते हैं। और उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से पांच बार माफी मांगी। क्या यह बीजेपी का आधिकारिक रुख है? भाजपा को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए और राज्यपाल को तुरंत हटा देना चाहिए।'

उद्धव ठाकरे गुट के एक प्रवक्ता आनंद दुबे ने एक बयान में कहा था, 'छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल हमारे देवता हैं, बल्कि हमारे प्रेरणा स्रोत भी हैं। वह हमेशा हम सभी के आदर्श रहेंगे।'

उद्धव ठाकरे खेमे के संजय राउत ने यह निशाना तब साधा है जब हाल में बीजेपी और शिंदे खेमा सावरकर को लेकर उद्धव खेमे पर हमलावार रहा है। इसके साथ ही इसने कहा था कि बाला सहब ठाकरे सावरकर का सम्मान करते थे, जबकि उद्धव का खेमा उस कांग्रेस के साथ है जिसके नेता राहुल गांधी ने सावरकर का अपमान किया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट यानी बालासाहेबची शिवसेना की नेता वंदना सुहास डोंगरे ने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। 

शिवसेना के मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में 'वीर सावरकर' पर कांग्रेस के राहुल गांधी की टिप्पणी का विरोध कर रही भाजपा से राज्यपाल की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।

संपादकीय में कहा गया है, 'राहुल गांधी की तरह, राज्यपाल के बयान को भी उनकी 'व्यक्तिगत राय' नहीं कहा जा सकता है। महाराष्ट्र के लोगों की भी 'व्यक्तिगत राय' है कि जो कोई भी छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करेगा, उसे राज्य के सामने माफी मांगनी होगी।'

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